रेमंड रियल्टी चालू वित्त वर्ष में 14 हजार करोड़ रुपये की आवासीय परियोजनाएं शुरू करेगी

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नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) रेमंड रियल्टी चालू वित्त वर्ष (2025-26) में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में छह आवासीय परियोजनाएं शुरू करेगी। इन परियोजनाओं की अनुमानित राजस्व क्षमता लगभग 14,000 करोड़ रुपये है। कंपनी मजबूत मांग के बीच संपत्ति कारोबार का विस्तार करना चाहती है।

रेमंड रियल्टी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हरमोहन साहनी ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि रेमंड लि. से रियल एस्टेट कारोबार के अलग होने के बाद कंपनी एक जुलाई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होगी। रेमंड लिमिटेड अब सिर्फ इंजीनियरिंग खंड पर ध्यान केंद्रित करेगी।

इस विभाजन से रेमंड रियल्टी को एक स्वतंत्र और विशुद्ध रियल एस्टेट कारोबार के रूप में अपने वृद्धि पथ पर आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

साहनी ने बताया कि कंपनी के पास एमएमआर में बहुत जमीन है।

साहनी ने कहा, “साल, 2019 में हमने अपनी पहली परियोजना शुरू की थी। पिछले छह साल में हमने एमएमआर में ठाणे और मुंबई में महत्वपूर्ण पहचान बनाई है।”

उन्होंने कहा, “आज हमारा पोर्टफोलियो का सकल विकास मूल्य (जीडीवी) लगभग 40,000 करोड़ रुपये है। इसमें से 10,500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं।”

साहनी ने कहा कि शेष परियोजनाएं आने वाले वर्षों में शुरू की जाएंगी।

चालू वित्त वर्ष के लिए पाइपलाइन के बारे में पूछे जाने पर साहनी ने कहा कि कंपनी चालू वित्त वर्ष में एमएमआर में छह परियोजनाएं शुरू करेगी, जिनकी बिक्री बुकिंग क्षमता लगभग 14,000 करोड़ रुपये होगी।

कंपनी आगामी परियोजनाओं में दो करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये की कीमत वाली आवासीय इकाइयां पेश करेगी।

साहनी ने कहा कि कंपनी परियोजनाओं की गुणवत्ता और उन्हें समय पर पूरा करने पर बहुत ध्यान दे रही है।

अपनी स्थापना के बाद से रेमंड रियल्टी ने दो आवासीय परियोजनाएं पूरी की हैं, जबकि छह परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

देश की अग्रणी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक मुंबई स्थित रेमंड रियल्टी ने पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में 2,314 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेचीं, जबकि इससे पिछले वर्ष यह आंकड़ा 2,268 करोड़ रुपये था।

रेमंड रियल्टी का राजस्व 2024-25 में 45 प्रतिशत बढ़कर 2,313 करोड़ रुपये हो गया, जो उससे पिछले वर्ष 1,593 करोड़ रुपये था।

साहनी ने कहा कि कंपनी भूमि मालिकों के साथ संयुक्त विकास समझौतों (जेडीए) के तहत एमएमआर में और अधिक भूखंड हासिल करने की संभावना तलाश रही है। यह जेडीए मॉडल के तहत पुणे आवासीय बाजार में भी प्रवेश करना चाहती है।

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