पहलगाम आतंकी हमले को जम्मू कश्मीर में विकास कार्यों में बाधा नहीं बनने देंगे: प्रधानमंत्री मोदी

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कटरा, छह जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर को ‘‘भारत का मुकुट’’ बताते हुए राज्य के लोगों को अपना पूरा समर्थन देने का शुक्रवार को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले को केंद्र शासित प्रदेश में विकास कार्यों में बाधा नहीं बनने दिया जाएगा।

उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान द्वारा की गई अंधाधुंध गोलाबारी का बहादुरी से सामना करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने सीमा पार से हुई गोलाबारी में जिन परिवारों के आवास पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, उनके लिए 2 लाख रुपये और जिनके घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके लिए 1 लाख रुपये की अतिरिक्त राहत सहायता की घोषणा भी की।

प्रधानमंत्री ने यहां कश्मीर घाटी के लिए पहली ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं पहलगाम आतंकी हमले को जम्मू कश्मीर में विकास को रोकने नहीं दूंगा। युवाओं के सपने पूरे होंगे और किसी भी बाधा को सबसे पहले मोदी का सामना करना पड़ेगा।’’

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गये थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। हमले के बाद, कश्मीर घाटी में पर्यटन ठप हो गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज, जम्मू कश्मीर के लोग नये सपने देख रहे हैं और उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। युवा, शॉपिंग मॉल के निर्माण और सिनेमा हॉल के खुलने से खुश हैं। वे चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर फिल्मों की शूटिंग के लिए एक प्रमुख स्थान बने। वे यह भी चाहते हैं कि यह क्षेत्र खेलों का केंद्र बने।’’

मोदी ने कश्मीरी पंडितों के प्रमुख त्योहार ‘खीर भवानी मेले’ में उमड़ी भारी भीड़ की भी सराहना की और कहा कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है।

उन्होंने कहा कि ईद की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं वादा करता हूं कि पहलगाम की घटना से विकास प्रभावित नहीं होगा।’’

पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान की साजिश के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि हमले के खिलाफ उनके रुख ने दुनिया भर में आतंकी मानसिकता वाले लोगों को यह कड़ा संदेश दिया है कि उन्होंने आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने का मन बना लिया है।

मोदी ने कहा, ‘‘दशकों से जारी आतंकवाद ने कश्मीर में स्कूलों को जला दिया और दो पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद कर दिया। उन्होंने न केवल स्कूल, बल्कि अस्पताल भी जला दिए और यहां तक ​​कि स्थानीय लोगों के लिए चुनाव लड़ना भी एक चुनौती बन गई।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों ने दशकों तक आतंकवाद और उसके कारण होने वाली तबाही झेली है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने सपने देखना बंद कर दिया था और सोचा था कि वे आतंकवाद से कभी उबर नहीं पाएंगे। जम्मू कश्मीर को आतंकवाद के खतरे से बाहर निकालना जरूरी था, जिसे हमने सफलतापूर्वक किया है।’’

जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में 6 मई से 10 मई के बीच पाकिस्तानी गोलाबारी में हुई भारी क्षति और जानमाल के नुकसान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना की यह कार्रवाई उसकी हताशा को दर्शाती है, क्योंकि उसने जम्मू, पुंछ और अन्य जिलों में नागरिक इलाकों को निशाना बनाया।

मोदी ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान ने घरों, स्कूलों, मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों को नष्ट कर दिया। देश के लोगों ने सीमा पर रहने वाले लोगों की बहादुरी भी देखी, जो डटे रहे।’’ उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों की भी जान गई है, उनके परिजनों को हाल ही में अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘हम 2,000 से अधिक परिवारों का दर्द समझते हैं जिनके घरों को नुकसान पहुंचा है और उन्हें मरम्मत कार्य के लिए पर्याप्त राहत प्रदान की जाएगी।’’

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पिछले कई वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के कल्याण के लिए अथक प्रयास किये हैं तथा सीमावर्ती गांवों में 10,000 से अधिक बंकरों का निर्माण किया है, जिससे लोगों को पाकिस्तानी गोलाबारी के दौरान अपनी जान बचाने में मदद मिली है।

मोदी ने कहा कि दो सीमा बटालियनों का गठन किया गया है, जिससे सीमावर्ती निवासियों को रोजगार मिलेगा, जबकि दो महिला बटालियनों के गठन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।

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