प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाकर लोगों को अनगिनत फायदे पहुंचाए गए : प्रधानमंत्री मोदी

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नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार ने अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाकर लोगों को अनगिनत फायदे पहुंचाए हैं।

मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘भारत के युवाओं की मदद से हम नवाचार और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं। इससे आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रौद्योगिकी महाशक्ति बनने के हमारे प्रयासों को भी मजबूती मिल रही है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उपयोग ने सेवा प्रदान करने और पारदर्शिता को बहुत बढ़ावा दिया है। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी गरीब से गरीब लोगों के जीवन को सशक्त बनाने का एक साधन बन गई है।

सरकार के हैंडल से जारी किए गए और प्रधानमंत्री द्वारा रेखांकित पोस्ट की एक शृंखला में कहा गया है कि भारत ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से बड़े पैमाने पर पारदर्शिता सुनिश्चित की है, जिसमें कहा गया है कि 56 मंत्रालयों द्वारा विनियमित 322 से अधिक योजनाओं के लाभार्थियों के खातों में 44 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा की गई।

इसमें कहा गया है कि लीकेज को समाप्त करके 3.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बचत की गई।

एक अन्य ‘थ्रेड’ में कहा गया है कि पिछले 11 वर्षों में भारत की तकनीकी यात्रा क्रांति से कम नहीं है।

इसमें कहा गया है कि मोदी के नेतृत्व में भारत डिजिटल नवाचार, तकनीक आधारित शासन और वैश्विक विश्वास का केंद्र बन गया है। विनिर्माण से लेकर अंतरिक्ष तकनीक तक, डिजिटल भुगतान से लेकर ग्रामीण संपर्क तक यह परिवर्तन स्पष्ट, प्रभावशाली और स्थायी है।

उसने कहा, ‘‘लेकिन यह केवल उपकरणों और प्लेटफार्मों के बारे में नहीं है। यह निर्बाध शासन, नागरिक सशक्तीकरण और विकसित भारत के निर्माण के बारे में है।’’

इसमें लिखा गया है कि यूपीआई के भारत की ‘वित्तीय धड़कन’ बनने से लेकर देश, दुनिया का सबसे सस्ता मोबाइल डेटा प्रदाता भी है, जो डिजिटल समावेश को बढ़ावा देता है।

‘थ्रेड’ के अनुसार 94 करोड़ से अधिक ब्रॉडबैंड कनेक्शन और 120 करोड़ टेलीफोन ग्राहकों के साथ, टेली-डेंसिटी 2014 में 75 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 85 प्रतिशत हो गई है।

इसमें कहा गया कि इसरो द्वारा 393 विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की अविश्वसनीय उपलब्धि हमारी क्षमता को दर्शाती है।

एक पोस्ट में कहा गया है, ‘‘11 साल पहले, एक खामोश डिजिटल क्रांति शुरू हुई – जिसने भारत के जुड़ने, शासन करने और बढ़ने के तरीके को नया आकार दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, डिजिटल इंडिया पहल ने प्रौद्योगिकी को सशक्तिकरण के एक उपकरण में बदल दिया है – अंतराल को पाटना, अवसरों को खोलना और प्रत्येक नागरिक के लिए शासन को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाना।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘दूरदराज के गांवों में इंटरनेट की पहुंच से लेकर दुनिया में अग्रणी वास्तविक समय के डिजिटल भुगतान तक, यह परिवर्तन केवल संख्याओं के बारे में नहीं है – यह लोगों, प्रगति और संभावना के बारे में है।’’

इसके अनुसार तकनीकी पहलों ने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक रुपया लक्षित लाभार्थी तक पहुंचे, डीबीटी में 10 वर्षों में 90 गुना वृद्धि देखी गई, जिससे गति और पारदर्शिता के साथ कल्याणकारी आपूर्ति तंत्र में बदलाव आया।

इसमें सरकारी खरीद के लिए डिजिटल मार्केटप्लेस, पासपोर्ट वितरण सेवा, कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के लिए कोविन प्लेटफॉर्म की शुरुआत और नागरिकों को लाभ और सेवाएं प्रदान करने में तकनीक द्वारा संचालित अन्य उपायों के अलावा स्वास्थ्य बीमा के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन पर प्रकाश डाला गया।

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