विल्लुपुरम (तमिलनाडु), 13 जून (भाषा) पट्टालि मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक नेता एस रामदास ने शुक्रवार को कहा कि जब तक वह जीवित हैं, तब तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे।
पीएमके की कमान संभालने को लेकर रामदास और उनके बेटे अंबुमणि के बीच विवाद खत्म होने का कोई संकेत नहीं मिलने के बीच अस्सी वर्षीय नेता (रामदास) ने आश्चर्य जताया कि अंबुमणि उन पर अपनी शर्तें कैसे थोप सकते हैं।
रामदास ने कहा कि इसका एकमात्र समाधान यह है कि अंबुमणि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के लिए सहमत हों और उनके दिशानिर्देशों का पालन करें। उन्होंने दोहराया कि उन्होंने पीएमके को तिनका-तिनका एककर खड़ा किया है।
रामदास ने पत्रकारों को बताया कि अंबुमणि ने उन्हें “आदेश” दिया लेकिन सवाल यह है कि वह ऐसा कैसे कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अंबुमणि को देखा, तो उनका रक्तचाप बढ़ गया और यह वास्तव में सलेम की उनकी यात्रा के दौरान हुआ और डॉक्टरों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पीएमके संस्थापक ने कहा, ‘‘उन्होंने (अंबुमणि ने) कहा कि मुझे कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए (धर्मपुरी/सलेम में पार्टी की बैठकों में) माइक्रोफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जबकि (उनसे) 200 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता भी नहीं जुटाये जा सकते हैं।’’
रामदास ने कहा,‘‘इसके अलावा, अगर पार्टी के लोग मुझसे मिलना चाहते हैं, तो वे मुझसे केवल मेरे कमरे (होटल के कमरे में जहां वह रुके थे) में मिल सकते हैं और यह भी उनका (अंबुमणि का) आदेश था। वह खुद पार्टी संस्थापक को निर्देश कैसे दे सकते हैं? मैंने उन्हें ऐसी शक्तियां नहीं दी हैं। मैं आखिरी सांस तक पीएमके अध्यक्ष हूं, संस्थापक और संस्थापक-अध्यक्ष हूं।’’