
आज हम संगीत से दूर और विभिन्न असाध्य बीमारियों के निकट जा रहे हैं। संगीत एक कला है। इसे सीखने से जीवन जीने की कला आ जाती है। इसके चमत्कारिक प्रभावों से जीवन में अलौकिक आनंद का संचार होता है। मन मस्तिष्क प्रफुल्लित एवं आनंद मग्न रहता है।
यदि आप संगीत के साथ किसी भी रूप से जुड़े हुए हैं तो आपको अपना जीवन संगीतमय, आनन्दमय, रसमय एवं अनमोल लगेगा, जीवन की सब बेचैनी-अकुलाहट व डिप्रेशन से आप बचे रहेंगे। आप यदि गायन करते हैं, कोई वाद्य बजाते हैं, बांसुरी, सितार, गिटार, वायलन, तबला बजाते हैं तो आप संगीत प्रेमी हैं। आप जीने की कला जानते हैं। तनावमुक्त रहना एक कला है। वह म्यूजिक में है। आप आज भी किसी न किसी रूप में संगीत से जुड़ जाइए और अपने जीवन को सुखमय आनंदमय बनाइए।
कुछ गाना, कुछ बजाना सीखिए। अपने मनपसन्द गायक की सीडी लाकर सुनें और आनन्द विभोर हो जाएं। आंखें बंद कर लें, फिर देखिए संगीत का चमत्कार। आप उदास हैं तो प्रसन्न हो जाएंगे, बीमार हैं तो स्वस्थ हो जाएंगे।
आज के भागम भाग के युग में कला एवं कलाकार को सुनना और संगीत साधना करना गौण हो गया है। म्यूजिक ऑफ लाइफ के लिए हम समय नहीं निकाल पाते। हम बीमार होने के लिए समय निकाल लेते हैं परंतु हम संगीत एवं म्यूजिक के लिए समय नहीं निकाल सकते। हम हजार रूपए का इंजेक्शन एवं टेस्ट करवा सकते हैं परंतु हम हजार रूपए के ताजे फल नहीं खा सकते।
किसी भी प्रकार का संगीत हो, शास्त्रीय संगीत, कव्वाली, गजल, गीत, वाद्य संगीत, कण्ठसंगीत – एक ललित कला है। इसका इतिहास एवं भविष्य स्वर्णिम है। संगीत कभी नहीं मरता।
अकबर और अन्य राजा लोग अपने महल एवं दरबार में तानसेन जैसे कलाकार रखते थे जो शास्त्राीय संगीत सुना कर दरबारियों का मनोरंजन करते थे। नर्तकियां नाच गा कर उत्सव करती थीं। संगीत सौंदर्य का प्रतीक है। गीत संगीत मन के भावों व आवेगों को बाहर निकालने में सहायक रहता है। कोई भी ललित कला – पेंटिंग, गीत या नृत्य मन के आवेगों को शांत करती है।
आज ही आप किसी भी रूप में गायन, वाद्य यंत्रा या नृत्य कला से जुड़ जाएं तो आपका जीवन भी संगीतमय, उत्सवमय एवं आनन्दमय बन जाएगा।
आप यदि संगीत में रूचि रखते हैं तो आपके मनोभावों में भी परिवर्तन होगा, आपमें आशावादिता बढ़ेगी। जीवन जीने में रूचि बढ़ेगी। आपके आवेगों पर नियंत्राण होगा। क्रोध, लोभ, अहंकार स्वतः कम हो जाएंगे।
आप हर समय किसी ईश्वरीय आनंद में मस्त रहेंगे, आप दूसरे व्यक्तियों से अलग हो जाएंगे। आपमें विशेष गुण पैदा होंगे। सब जगह आपके गुणों के कारण आपका आदर सत्कार बढ़ेगा।
आपका स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक, अतिभौतिक, आध्यात्मिक दृष्टि में विकसित होगा, चेहरे के लावण्य, लालिमा, तेज एवं सौंदर्य में वृद्धि होगी। आप संगीतमय जीवन बनाएं। आप में शत्राुता के भाव, ईर्ष्या, द्वेष समाप्त हो जाएंगे, यही तो आर्ट आफ लिविंग कहलाता है।