चिराग पासवान को विधानसभा चुनाव लड़वाने के प्रस्ताव के लिए बैठक कर सकती है लोजपा (रामविलास)

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नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जल्द ही अपने कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक बुला सकती है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह करने वाले प्रस्ताव को औपचारिक रूप दिया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के नेताओं ने 30 मई को बिहार के बिक्रमगंज में इस बारे में विचार करने के लिए बैठक की थी, जहां कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया था। हालांकि चिराग पासवान खुद इस बैठक में नहीं थे।

लोजपा (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने कहा है कि पार्टी नेता चाहते हैं कि पासवान यदि विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किसी सीट के बजाय सामान्य सीट से किस्मत आजमाएं।

इसका उद्देश्य उनके क्षेत्र से बाहर उनकी स्वीकार्यता का संदेश देना और उन्हें व्यापक जनाधार वाले नेता के रूप में प्रस्तुत करना है।

भारती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बिहार पासवान की राजनीति का केंद्र है और उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में बार-बार बात की है, जिसमें केंद्रीय मंत्री द्वारा पेश किए गए ‘बिहार प्रथम बिहारी प्रथम’ एजेंडे पर भी बात की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर पासवान बिहार की धरती और विधानसभा से इस एजेंडे को दोहराते हैं, तो यह बेहतर ढंग से व्यक्त किया जा सकता है।’’

इस कदम को बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के इस महत्वपूर्ण घटक द्वारा शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है। यह भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के बाद राजग का तीसरा सबसे बड़ा दल है।

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजग में सीट बंटवारे की बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है और इसके घटक कठिन सौदेबाजी से पहले खुद को आगे बढ़ा रहे हैं।

दलित समुदाय के प्रमुख नेता रामविलास पासवान द्वारा स्थापित पार्टी खुद को राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानती है, जहां राजद-कांग्रेस-वाम गुट दो दशक के बाद कुमार को सत्ता से हटाने की कोशिश में हैं।

लोजपा (रामविलास) चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने के प्रस्ताव को औपचारिक रूप देने के लिए अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी या प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक बुला सकती है।

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में राजग से बाहर निकलने और नीतीश कुमार के साथ अपने मतभेदों के कारण ज्यादातर जद (यू) के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करने के पासवान के फैसले से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को भारी नुकसान हुआ, जिससे वह भाजपा के मुकाबले निश्चित रूप से पीछे हो गई और विपक्ष सत्ता से कुछ ही दूर रह गया।

हालांकि, पासवान की पार्टी उस चुनाव में केवल एक सीट जीत सकी और बाद में उसे विभाजन का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में उसने अपना राजनीतिक जादू फिर से हासिल कर लिया तथा 2024 के लोकसभा चुनाव में उसने पांच लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और सभी पर जीत हासिल की।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली पार्टियां 243 सदस्यीय विधानसभा वाले राज्य में राजग की अन्य सहयोगी हैं।

तीसरी बार लोकसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे चिराग पासवान ने कभी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन हाल में उन्होंने राज्य की राजनीति के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की है।

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