भारत चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर, प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से ही लोग होंगे विकसित : गर्ग

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सुभाष-चंद्र-गर्ग

नयी दिल्ली, एक जून (भाषा) पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि भारत कुछ समय में भले ही चौथी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन देश के लोगों को वास्तव में तभी ‘विकसित’ और आर्थिक रूप से बेहतर माना जा सकता है जब उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी और इस मामले में कोई अच्छा सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग 2,450 डॉलर (लगभग 2,09,622 रुपये) थी और इस मामले में देश 150वें स्थान पर है।

गर्ग ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों को देखा जाए तो भारत अभी चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं बना है।

उल्लेखनीय है कि नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने हाल में कहा था कि भारत, जापान को पीछे छोड़ते हुए चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हालांकि, बाद में नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने इसका खंडन किया था।

इस बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आईएमएफ देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को मौजूदा अमेरिकी डॉलर में मापता है। मुद्रा कोष के 2024-25 के लिए विश्व आर्थिक परिदृश्य आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी 3,910 अरब डॉलर है जबकि यह जापान के मामले में 4,030 अरब डॉलर है। वास्तविकता यह है कि भारत अभी जापान से आगे नहीं निकला है। अभी हम चौथी अर्थव्यवस्था नहीं बने है।’’

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2024-25 में 6.5 प्रतिशत रही और इसके साथ अर्थव्यवस्था का आकार 3,900 अरब डॉलर (330.68 लाख करोड़) रहा।

यह पूछे जाने पर कि भारत कबतक दुनिया में चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में आईएमएफ के वर्तमान अमेरिकी डॉलर में जीडीपी के आंकड़े मानक हैं। इसके आधार पर देशों को उनके अमेरिकी डॉलर में जीडीपी की स्थिति के हिसाब से क्रम में रखा जाता है।’’

गर्ग ने कहा, ‘‘आईएमएफ अगले छह साल के आंकड़ों का भी अनुमान लगाता है। अभी तक अनुमान 2030 (भारत 2030-31) तक के हैं। आईएमएफ ने 2025 में भारत की जीडीपी 4,197 अरब डॉलर (4.197 ट्रिलियन डॉलर) होने का अनुमान लगाया है, जबकि जापान की जीडीपी (वैसे जापान की जीडीपी पिछले 25 वर्षों में अमेरिकी डॉलर के हिसाब से काफी कम हुई है) 4,196 अरब डॉलर (4.196 ट्रिलियन डॉलर) होने का अनुमान है। भारत 2025-26 या 2026-27 में जापान से आगे निकल सकता है।’’

आईएमएफ के 2024 के विश्व आर्थिक परिदृश्य के आंकड़ों के अनुसार, तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका, चीन और जर्मनी के जीडीपी का आकार क्रमश: करीब 29,180 अरब डॉलर, 18,750 अरब डॉलर तथा 4,660 अरब डॉलर था। वहीं अप्रैल, 2025 (2025-26) के आंकड़ों के अनुसार, इसके क्रमश: 30,510, 19,230 अरब डॉलर तथा 4,740 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘जीडीपी जितनी बड़ी होगी, विकास और राजकाज के लिए संसाधन उतने ही ज्यादा होंगे। 2024 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी (विश्व बैंक इसे मापता है और सालाना आंकड़े प्रकाशित करता है) लगभग 2,450 डॉलर ( लगभग 2,09,622 रुपये) थी और भारत 150वें नंबर पर है। भारत के लोगों को वास्तव में तभी विकसित और आर्थिक रूप से बेहतर माना जा सकता है जब भारत की प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी और इस मामले में कोई अच्छा सुधार नहीं हुआ है।’’

भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर आम लोगों के जीवन में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वित्त सचिव ने कहा, ‘‘भारत की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान में 2,450 डॉलर सालाना है। अगर भारत जापान से आगे निकलता है तो प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2,500 डॉलर (लगभग 2,13,900 रुपये) से से थोड़ी अधिक हो सकती है। इस मामूली वृद्धि से भारत में लोगों के जीवन में कोई बदलाव आने की संभावना नहीं है।’’

अगर दुनिया की चार प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति आय को देखा जाए तो अमेरिका में यह लगभग 89,110 डॉलर सालाना (लगभग 76,24,252 रुपये) है, जबकि चीन में 13,306 डॉलर ( लगभग 11,38,461 रुपये), जर्मनी में 55,910 डॉलर (लगभग 47,83,660 रुपये) तथा जापान में लगभग 33,900 डॉलर (करीब 29,00,484 रुपये) सालाना है।

आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि हम जापान के साथ-साथ जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरी अर्थव्यवस्था बनते हैं, तो भी हमारी प्रति व्यक्ति आय शायद ही अन्य सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बराबर होगी।

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