नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति का सख्ती से पालन करता है और सभी देशों को इस वैश्विक लड़ाई में एकजुट होना चाहिए।
उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आतंकवाद वैश्विक शांति, स्थिरता और मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा है, ऐसे में इस खतरे को समाप्त करने के लिए सभी प्रगतिशील देशों को मिलकर संयुक्त रणनीति बनानी होगी।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिरला ने ये टिप्पणियां पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में वहां की असेंबली के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान कीं।
इसके बाद बिरला ब्राजील पहुंचेंगे जहां वह 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में भाग लेने वाले भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे।
बिरला ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख करते हुए कहा, “यह हमला भारत की प्रगति और सामाजिक सद्भाव में बाधा डालने के उद्देश्य से किया गया था। लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने अपने साहस, शौर्य और बुद्धिमत्ता से इन दुर्भावनापूर्ण इरादों को विफल कर दिया।”
उन्होंने यह भी कहा “ऑपरेशन सिंदूर’ सैन्य अभियान के अंतर्गत भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर इस खतरे का सफलतापूर्वक मुकाबला किया।
बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि “भारत और पुर्तगाल के संबंध 500 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। ये ऐतिहासिक संबंध व्यापार और वाणिज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच भी गहरा जुड़ाव है।”
उन्होंने कहा कि “पिछले पांच दशकों में हमारे द्विपक्षीय संबंध और अधिक मजबूत हुए हैं।
बिरला ने यह भी बताया कि कि भारत की संसद आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीक-आधारित पहल कर रही है।
उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्त (एआई) की मदद से भारत की विधायी प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी, कुशल और जन-केन्द्रित हुई हैं।