दर्द कहीं का भी हो, शरीर की हिम्मत को काफी कम कर देता है। दैनिक जीवन में उठने, बैठने काम करने पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। फ्रोजन शोल्डर्स हड्डियों संबंधी बीमारी है जिसमें कंधों की मूवमेंट काफी कम हो जाती है, इतनी कम कि कपड़े बदलना, कंघी करना, बाल धोना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार घर के काम करने से कंधों के स्नायुओं में टूट फूट हो जाने सेे भी रोगी इस बीमारी का शिकार हो जाता है। इसके अलावा लगातार कंप्यूटर पर टाइप करना, एक्सरसाइज न करना आदि से भी यह रोग हो सकता है। लक्षण:- कंधों का आसानी से न घूमना, प्रतिदिन के कामों में जैसे बालों को ब्रश करना, छोटे बच्चों को उठाना, घर में डस्टिंग करना, बर्तन धोना, ऊंचाई से समान उतारना, चढ़ाना, कपड़े बदलना आदि काम करते हुए कंधों में दर्द होता है। कंधों का जकड़ना और अधिक दर्द होने से इंसान का जीवन ही बदल जाता है। इस स्थिति में डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए और इनके द्वारा बताई गई एक्सरसाइज प्रतिदिन करते रहना चाहिए। कंधों की जकड़न को दूर करने में मददगार टिप्स – कंधों को जोर से नहीं हिलाना चाहिए। – कोई भारी सामान नहीं उठाना चाहिए, न ही भारी फर्नीचर, भारी गमले एक जगह से दूसरी जगह खिसकाने और उठा कर रखने चाहिए। – लगातार काम न करें। जब भी अधिक काम हो, बीच में थोड़ा आराम अवश्य लें। – नियमित रूप से कंधों के व्यायाम किए जाएं तो लाभ मिलता है। इलाज:- कंधों की जकड़न वैसे कोई गंभीर रोग नहीं है पर इसका इलाज समय रहते न किया जाए तो तकलीफ काफी बढ़ सकती है। यदि कंधों की जकड़न अधिक हो जाए तो इसका उत्तम इलाज आर्थोस्कोपी है। ’आर्थोस्कोपी‘ से कंधों के जिस भाग में जकड़न होती है लेप्रोस्कोपी तरीके से शरीर के अंदर यंत्रा डालकर इलाज किया जाता है। इसके लिए अस्पताल स्टे अधिक से अधिक एक दिन का होता है। इस विधि को करने के लिए विशेष सर्जन की आवश्यकता होती है।