नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में पर्यावरण अनुकूल कोयला परिवहन 34 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.25 करोड़ टन हो गया।
यह भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़ी 20 ‘फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी’ (एफएमसी) परियोजनाओं के माध्यम से संभव हुआ।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने एक बयान में कहा कि तुलनात्मक रूप से वित्त वर्ष 2024 में 17 ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से यह 7.65 करोड़ टन था।
कंपनी की चालू वित्त वर्ष (2025-26) में लगभग 15 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता की 19 एफएमसी परियोजनाओं को चालू करने की योजना है।
एफएमसी पहल एक स्वचालित कोयला निकासी प्रक्रिया है जो ‘पाइप्ड कन्वेयर बेल्ट’ में खदान स्थल से लोडिंग पॉइंट तक पर्यावरण अनुकूल तरीके से कोयला परिवहन सुनिश्चित करती है।
एफएमसी की प्रमुख विशेषताओं में कोयला क्रशर से सुसज्जित मशीनीकृत कोयला हैंडलिंग संयंत्रों का निर्माण करना शामिल है, जहां कोयले का आकार निर्धारित किया जाता है। इसके अलावा, एफएमसी में तीव्र लोडिंग प्रणाली भी है, जहां गुणवत्ता वाले कोयले की सटीक मात्रा को वैगनों में लोड किया जाता है, जिससे अधिक या कम लोडिंग से बचा जा सकता है।