नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत जूनियर स्तर पर खिलाड़ियों का अतिरिक्त अस्थि परीक्षण (बोन टेस्ट) कराने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी खिलाड़ी अतिरिक्त सत्र खेलने से वंचित न रहे।
मौजूदा मानदंडों के अनुसार खिलाड़ी टीडब्ल्यू3 विधि (अस्थि की उम्र का आकलन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला परीक्षण) के माध्यम से आयु निर्धारण के लिए अस्थि परीक्षण से गुजरता है। इसमें उसके उम्र का आकलन अस्थि परीक्षण की उम्र में एक जोड़कर किया जाता है।
नियम में बदलाव के साथ हालांकि अंडर 16 लड़कों की श्रेणी में किसी क्रिकेटर को अगले सत्र में उसी आयु वर्ग में खेलने की अपनी पात्रता निर्धारित करने के लिए दूसरे अस्थि परीक्षण से गुजरना होगा।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘ऐसा सटीक उम्र जानने के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि कोई भी खिलाड़ी वैज्ञानिक गणना के बजाय गणितीय गणना के कारण खेलने से ना चूके।’’