नयी दिल्ली, एक्सिओम-4 मिशन की सराहना करते हुए भारतीय वायुसेना ने बुधवार को कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर निकले हैं, जो देश के गौरव को पृथ्वी से बाहर ले जाएगी।
वायुसेना ने कहा कि यह भारत के निरंतर विस्तृत होती क्षमताओं की पुष्टि करता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस उपलब्धि पर अपने विचार साझा किए और ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “भारत सहित चार देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाला अंतरिक्ष मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।”
फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से भारतीय समयानुसार दोपहर 12.01 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए प्रक्षेपण के बाद, भारतीय वायु सेना के ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में इसे “भारत के लिए एक अद्भुत क्षण” बताया, जो 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के मिशन के बाद आया है।
वायुसेना ने कहा, “ आसमान को जीतने से लेकर सितारों को छूने तक – भारतीय वायुसेना के वायु योद्धा की अदम्य भावना से प्रेरित एक यात्रा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन पर रवाना हुए, जो देश के गौरव को धरती से बाहर ले जाएगी।”
इसमें लखनऊ में जन्मे शुक्ला की एक प्रोफाइल फोटो भी साझा की गई है, जिसके साथ शीर्षक लिखा है, “नीले रंग में प्रशिक्षित, सितारों की ओर अग्रसर” और साथ में एक संदेश है, जिसमें लिखा है, “इस शानदार मिशन में आपकी सफलता की कामना करता हैं।”
शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री बन गए। इससे 41 साल पहले भारत के राकेश शर्मा ने 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिनों तक प्रवास किया था।
वायुसेना ने कहा, “ पृथ्वी से बाहर तिरंगा लहराने वाले स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के मिशन के 41 साल बाद यह भारत के लिए अद्भूत क्षण आया है। यह एक मिशन से कहीं बढ़कर है – यह भारत की निरंतर बढ़ती क्षमताओं की पुष्टि करता है।”
वहीं, रक्षा मंत्री सिंह ने पोस्ट किया कि लखनऊ के रहने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बने हैं।
उन्होंने कहा, “देश को उन पर गर्व है। उन्हें और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों को उनके प्रयासों में सफलता की शुभकामनाएं।”