अमृतसर, आठ जून (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को अकाली नेताओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने पैसे के लालच में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को ‘शिरोमणि गोलक (दानपेटी) प्रबंधक कमेटी’ में बदल दिया है।
मान की टिप्पणियों की निंदा करते हुए एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने उन्हें “निराधार, सिख भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाने वाली और सिख पंथ की सर्वोच्च धार्मिक संस्था का अपमान” बताया।
धामी ने कहा कि यह टिप्पणी न केवल मान के ‘‘बौद्धिक दिवालियेपन को दर्शाती है, बल्कि उनके अहंकार और उथली समझ को भी उजागर करती है।’’
यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए मान ने आरोप लगाया कि बादल परिवार ने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए अपनी राजनीतिक शक्ति का ‘दुरुपयोग’ किया है, जिसमें ‘अपने निजी हितों के अनुरूप अकाल तख्त के जत्थेदारों की नियुक्ति में हेरफेर करना’ भी शामिल है।
मान ने आरोप लगाया, ‘‘वित्तीय उद्देश्यों के लिए अकालियों ने एसजीपीसी की शुचिता को कमतर किया है और संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए इसका और अकाल तख्त का दुरुपयोग किया है।’’
मुख्यमंत्री ने अकाली नेताओं पर सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के निर्देशों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का भी आरोप लगाया, ताकि ‘‘जनता को धोखा दिया जा सके और अपने एजेंडे को पूरा किया जा सके।’’
मान ने कहा, ‘‘अकालियों ने न केवल सरकारी खजाने को लूटा, बल्कि धार्मिक संस्थाओं के धन को भी लूटा। उनके कार्यकाल में राजनीतिक और धार्मिक शोषण की भरमार रही, जिससे पंजाब को काफी नुकसान हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अकाली नेतृत्व एक ऐसी विरासत का प्रतीक है जिसमें गरीबों की अनदेखी की गई, जबकि ताकतवर लोगों ने राज्य को बेरोकटोक लूटा।’’
मान ने कहा कि अकाली नेता लोगों की पहुंच से बाहर रहे जिसके कारण उन्हें बाहर कर दिया गया।