जनसेवा और सुशासन की कसौटी पर मोदी सरकार के 11 वर्ष

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PM-Narendra-Modi

वीरेन्द्र सिंह परिहार

 

विगत 9 जून को मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर समाज के विभिन्न लोगो खासतौर पर बौद्धिक तबके द्वारा उसकी समीक्षा जारी है। विरोधी दल जहाँ बेरोजगारी और मँहगाई का रोना रो रहे हैं, विरोधी दलों के विरूद्ध बदले की भावना से कार्यवाही करने का आरोप लगा रहे हैं, संविधान से खिलवाड़ करने की बातें कर रहे हैं, वहीं भाजपा और सहयोगी दल अपनी उपलब्धियों को गिना रहे है। भाजपा और उसके सहयोगी दल कह रहे हैं कि यह सेवा और सुशासन का दौर था, जिसके चलते एक नया भारत आकार लेने लगा है। अब भारत कोई गरीब, पिछड़ा, उपेक्षित देश नहीं वरन विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ चला है। अब अंतरिक्ष में भी हम अमेरिका, रूस और चीन की तरह एक महाशक्ति हैं। चन्द्रयान को चन्द्रमा पर तो भेज ही चुके हैं, और मंगलयान को मंगल पर भेजने की तैयारी है।

जहाँ तक आर्थिक मोर्चे का सवाल है, विश्व बैंक की नई रिपोर्ट के अनुसार बीते 11 वर्षों में देश के गरीब 11 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी से बाहर निकले हैं। 2011-12 में जहाँ देश की 27 प्रतिशत आबादी गरीबी की श्रेणी में थी, वहीं 2022-23 में यह आकड़ा घट कर केवल 5.3 प्रतिशत रह गया है। देश की स्वतंत्रता के बाद पचासों वर्षों तक देश में यह स्थिति थी कि सिर्फ टेलीफोन और घरेलू गैस के लिये ही नहीं सीमेंट तक लेने के लिये लम्बी कतारें लगती थी। इसके लिये सांसदों और विधायकों की अनुशंसा लगती थी। कार खरीदने के लिये 7 साल की वेटिंग तो स्कूटर खरीदने के लिये 9 वर्षों का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब उपरोक्त सभी वस्तुओं के लिये कोई वेटिंग तो दूर बल्कि कई विकल्प खुले हुये हैं। जहाँ तक देश की अर्थव्यवस्था का प्रश्न है वहाँ पर वह 1947 से चलते-चलते 2014 तक सिर्फ दो खरब डालर तक पहुंची थी लेकिन 2020-21 और 2021-22 में कोरोना के भयावह दौर के बावजूद और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आपूर्ति चक्र प्रभावित होने के बावजूद वर्तमान में देश चार खरब डालर से अधिक की अर्थव्यवस्था बन चुका हैं, मोदी सरकार के 11 वर्षों में जीरो एमाउंट पर 55 करोड़ से अधिक लोगो के लिये खाते खोले गये जिसमें ढ़ाई लाख करोड़ से ज्यादा की राशि सरकार द्वारा भेजी गई। 41 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाये गये जिनमें पाँच लाख तक का इलाज लोगो को निःशुल्क मिल रहा है। इस योजना के तहत अभी तक साढ़े नौ करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं। उज्वला योजना के तहत महिलाओं को 7 करोड़ किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये सम्मान निधि दी जा रही है। सौभाग्य योजना के तहत 11 करोड़ विद्युत विहीन घरों तक बिजली पहुँचाई गई तो गरीबों के लिये 4 करोड़ आवास बनाये गये। 80 करोड़ लोगो को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। वस्तुतः यह सब वह कारण है, जिनके चलते लोग गरीबी के चक्र से बाहर निकल सके हैं। इस तरह से वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश पूरी तरह अत्यधिक गरीबी के दौर से मुक्त होकर एक नये युग में प्रवेश कर सकेगा।

उपरोक्त बाते तो आर्थिक क्षेत्र की है। सामाजिक क्षेत्र में भी भारत अब एक महाशक्ति बन चुका है। अब वह सशक्त भारत है, इसीलिये सुरक्षित भारत है। वरना यूपीए सरकार के दौर का लोग भूले न होंगे। जब पूरे देश में आये दिन बम-विस्फोट होते थे। मुम्बई में 26/11 की घटना में सैकड़ों लोगो के मारे जाने के बावजूद तब मनमोहन सरकार फौज के चाहने पर इस आधार पर कोई कदम नहीं उठा सकी थी कि पाकिस्तान एक परमाणु सम्पन्न देश है जबकि मोदी सरकार के आते ही कश्मीर के कुछ जिलों को छोड़कर आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो गया। यदि पाकिस्तान ने पठानकोट, पुलवामा और पहलगाम किये तो भारत ने मुहतोड़ जवाब देते हुये उरी, बालाकोट और अभी 7-8 मई की रात आतंकवादियों के अड्डो पर कुछ जगह एयर स्ट्राइक किया। भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल के निशाने ऐसे अचूक रहे कि 17 देश उसे खरीदने के लिये लाईन में लगे हैं। जो देश अस्त्रों के मामले में पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर था, वह एक हद तक आत्मनिर्भर तो बन ही चुका है। हथियारों के मामले में हमारी रक्षा निर्यात 34 गुना बढ़ चुका है। बड़ी बात यह कि भारत स्वतः अपना पाँचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान भी विकसित कर रहा है। नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष का नतीजा यह है कि वह अंतिम सांसे गिन रहा है, और उसका प्रभाव क्षेत्र चंद जिलो तक सीमित रहा गया है।

 

अभी हाल में सी वोटर के एक सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद से विरूद्ध लड़ाई के संदर्भ में 53.9 प्रतिशत लोगो ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को शानदार बताया है तो 13.4 प्रतिशत ने ठीक बताया है। 59.3 प्रतिशत लोगो का मानना है कि वर्ष 2029 में नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पुनः वापिसी करेंगे। सच्चाई यही है कि मोदी सरकार की उपलब्धियाँ कुछ ऐसी है कि देश की आवाम पूरी तरह से मोदी के साथ खड़ी है लेकिन यह सब ऐसे नहीं हो गया. निश्चित रूप से इसके पीछे मोदी सरकार की ईमानदारी और उसका भ्रष्टाचार के विरूद्ध युद्ध स्तर पर अभियान है। निश्चित रूप से भ्रष्टाचार का निर्मूलन पूरी तरह नहीं हुआ है पर मोदी सरकार की डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की नीति ने उसमें बहुत हद तक रोक लगाई है जिससे देश विकसित भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ चला है।

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