नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बुधवार को कहा कि भारत का वनस्पति तेल आयात अप्रैल में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत घटकर 8.91 लाख टन रहा है। पाम और रिफाइंड तेलों के आयात में गिरावट के कारण कुल वनस्पति तेल आयात में कमी आई है।
खाद्य और गैर-खाद्य तेलों सहित वनस्पति तेल का आयात एक साल पहले इसी अवधि में 13.18 लाख टन था।
एसईए ने बयान में कहा, ‘‘देश में सरसों की पेराई बढ़ने के साथ-साथ पाम तेल की मांग में कमी के कारण पिछले तीन माह में आयात निचले स्तर पर रहा है।
तेल वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के पहले छह महीनों के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात सालाना आधार पर घटकर 65.02 लाख टन रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 70.69 लाख टन था।
पाम तेल का आयात अप्रैल महीने में 53 प्रतिशत घटकर 3.21 लाख टन रहा, जो एक साल पहले इसी महीने में 6.84 लाख टन था। जबकि कच्चे पाम तेल का आयात 55 प्रतिशत घटकर 2.41 लाख टन रह गया।
सामान्य तौर पर खाना पकाने में उपयोग होने वाले ‘सॉफ्ट’ तेलों में, सूरजमुखी तेल का आयात 23.28 प्रतिशत घटकर 1.80 लाख टन, सोयाबीन तेल का आयात 20.37 प्रतिशत घटकर 3.60 लाख टन रहा।
पिछले छह महीनों में पाम तेल (हॉर्ड ऑयल या वसा) का हिस्सा 60 प्रतिशत से घटकर 42 प्रतिशत रह गया, जबकि ‘सॉफ्ट’ तेलों का हिस्सा 40 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया।
दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल उपभोक्ता और आयातक भारत के पास एक मई की स्थिति के अनुसार 13.51 लाख टन खाद्य तेल का भंडार था।
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत के प्रमुख पाम तेल आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस सोयाबीन तेल की आपूर्ति करते हैं। रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं।