यूएई ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत के प्रति अपने अटूट समर्थन की पुष्टि की

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Multi-party delegation in UAE

अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अपनी ओर से भारत के लिए अटूट समर्थन की बृहस्पतिवार को पुष्टि की। यूएई के एक सांसद ने आतंकवाद को “वैश्विक खतरा” और “पूरी मानवता के लिए बुराई” करार दिया।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संपर्क के तहत शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सार्थक बैठक के बाद संघीय राष्ट्रीय परिषद की रक्षा मामलों, आंतरिक और विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष अली राशिद अल नुएमी ने यह टिप्पणी की।

अल नुएमी ने कहा, “आतंकवाद केवल एक राष्ट्र या क्षेत्र के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा है। हमारा मानना ​​है कि हमें, एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में एक साथ आकर पूरी मानवता के लिए बेहतर भविष्य बनाने का प्रयास करना चाहिए।”

यह प्रतिनिधिमंडल उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक है, जिन्हें भारत ने अंतराराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद के प्रति भारत की प्रतिक्रिया के बारे में बताने के लिए विदेश दौरा करने का काम सौंपा है। ये प्रतिनिधिमंडल 33 देशों की राजधानियों की यात्रा करेंगे।

अल नुएमी ने कहा, “आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। बुद्धिमान लोगों को इसके खिलाफ बोलना चाहिए।”

उन्होंने इस खतरे से निपटने के लिए अमीरात की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

भारत के साथ गहरे द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करते हुए यूएई के नेता ने कहा, “हम आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों में पहले से ही भारत के साथ सहयोग कर रहे हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”

शिंदे ने बातचीत को बेहद सार्थक बताया और आतंकवाद के खिलाफ यूएई के कठोर रुख का उल्लेख किया।

शिंदे ने कहा, “हमने रक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. अल राशिद अल नुएमी और सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान से मुलाकात की। यूएई आतंकवाद के खिलाफ पूरी प्रतिबद्धता के साथ भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।”

उन्होंने कहा कि यूएई का स्पष्ट संदेश एकजुटता का है: “हम आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े हैं, आतंकवाद से लड़ रहे हैं। यूएई जैसा देश, एक ऐसे पड़ोस में जहां विविधता मुख्य संस्कृति है – जैसे भारत – अभी भी शांति और समृद्धि बनाए रखता है। यूएई में रहने वाले भारतीय सुरक्षित महसूस करते हैं।”

शिंदे ने एक प्रमुख भागीदार के रूप में यूएई की भूमिका पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि यूएई भारत पर हमले की निंदा करने वाला पहला देश था। उन्होंने कहा, “संदेश स्पष्ट है: किसी भी धर्म के नाम पर आतंकवाद नहीं फैल सकता। यह केवल भारत पर ही नहीं, बल्कि मानवता पर हमला है।”

शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने इससे पहले अबू धाबी में यूएई फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य अहमद मीर खोरी से मुलाकात की और पाकिस्तान की धरती से उत्पन्न राष्ट्र प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला करने के भारत के मजबूत संकल्प से उन्हें अवगत कराया।

शिंदे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमने गर्व के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की निर्णायक सफलता को साझा किया और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले मौजूदा आतंकवादी खतरों को रेखांकित किया।’’

शिंदे के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में मनन कुमार मिश्रा (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजद), ई टी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एसएस अहलूवालिया (भाजपा), अतुल गर्ग (भाजपा), बांसुरी स्वराज (भाजपा), पूर्व राजनयिक सुजान आर चिनॉय और यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर शामिल हैं।

शिंदे ने कहा, ‘‘हम वैश्विक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति के सम्मान के लिए दृढ़ रुख अपना रहे हैं।’’

यूएई में भारतीय दूतावास ने कहा कि यूएई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की अगवानी करने वाला पहला देश है और यह दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे बंधन को रेखांकित करता है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया।

भारत ने पहलगाम हमले के बाद छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की इन करतूतों का माकूल जवाब दिया।

दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।

पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचने के लिए भारत 33 देशों की राजधानियों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है।

 

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