भारत-पाक सीमा पर मां से अलग हुए दो बच्चे, महिला ने अटारी में पति को सौंपे जिगर के टुकड़े

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मेरठ (उप्र) छह मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मेरठ की सना अटारी सीमा पर अपने दो मासूम बच्चों को पाकिस्तानी पति को सौंपने के बाद फूट-फूट कर रोयी। पाकिस्तान के कराची निवासी एक डॉक्टर से विवाह करने वाली सना को बच्चों से अटारी सीमा पर जुदा होना पड़ा।

सना के साथ गये उसके परिजनों ने मंगलवार को बताया कि पाकिस्तानी नागरिकता धारक बच्चों को सीमा पार भेजने के बाद सना फूट-फूट कर रो पड़ी।

अधिकारियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पिछले माह 22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को स्वदेश भेजने के केंद्र सरकार के फैसले के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया तभी शुरु हो गयी थी।

सरकारी निर्देश के अनुसार जो पाक नागरिक जिले में दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) पर रह रहे हैं वही नागरिक यहां रह सकेंगे, लेकिन अल्‍पकालिक वीजा पर आये पाकिस्‍तानी नागरिकों को वापस भेजा गया।

परिजनों ने बताया कि भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए जाने के बाद सोमवार को सना ने अपने तीन वर्षीय बेटे और एक वर्षीय बेटी को अटारी सीमा पर पति को सौंपा। बच्चों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है, जबकि सना अब भी भारतीय नागरिक हैं।

सना ने कहा, “सरकार से सवाल है कि मां और बच्चों को क्यों अलग किया जा रहा है। मेरा क्या दोष है।”

सना की शादी 2020 में कराची निवासी बिलाल से हुई थी। उनका कहना है कि पाकिस्तान की नागरिकता प्राप्त करने में अभी चार वर्ष और लगेंगे। वहीं इस बारे में पूछने पर थाना सरधना के प्रभारी निरीक्षक प्रताप सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दो दिन पहले हमने सरकारी आदेश के अनुसार सना को बता दिया था कि बच्चों को वापस छोड़ आओ, जिसके बाद सना अपने बच्चो को सीमा पर कानूनी औपचारिकताएं पूर्ण कर छोड़ आई है।

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