नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) दिल्ली में शुक्रवार की सुबह हुई बारिश और तेज आंधी के बाद यहां कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गईं और पेड़ों के उखड़ जाने से यातायात बाधित हो गया।
कार्यालय जाने वाले लोग और स्कूली बच्चों सहित यात्री यहां बारिश के कारण धीमी गति से चल रहे यातायात की वजह से जाम में फंस गए।
द्वारका अंडरपास, साउथ एक्सटेंशन, मेजर सोमनाथ मार्ग, रिंग रोड, मिंटो रोड, आरके पुरम, खानपुर, आईटीओ और लाजपत नगर में जलभराव की सूचना मिली, जिसके कारण यातायात में भारी रुकावट आई और लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा।
सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर प्रसारित वीडियो और फोटो में जलमग्न इलाकों में वाहन घुटनों तक पानी में चलते दिखाई दे रहे हैं।
दिल्ली के नजफगढ़ में एक मकान पर पेड़ गिर जाने के कारण चार लोगों की मौत हो गई।
मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए लोगों से अत्यधिक सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मौसम की चेतावनियों के लिए ‘रंग-कोड’ का उपयोग करता है, ‘‘जिससे संभावित मौसम की घटनाओं की गंभीरता को दर्शाया जा सके।’’ इसका मुख्य उद्देश्य संबंधित अधिकारियों और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को ‘‘मौसम के संभावित प्रभाव के बारे में पहले से ही सचेत करना है, जिससे वह आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार रहें‘‘
रंग कोड के तहत चार रंग के अलर्ट जारी किए जाते हैं। ये रंग और इनके संदेश…. ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत) हैं।
‘रेड अलर्ट’ का अर्थ है कार्रवाई करें, अत्यंत खराब मौसम के कारण परिवहन और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है और जन-जीवन को खतरा हो सकता है।
एहतियात के तौर पर लोगों को घर के अंदर रहने, पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचने, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग हटाने और जल निकायों एवं उन वस्तुओं से दूर रहने की सलाह दी है जिनसे करंट लग सकता है।
बारिश के कारण उड़ानों के परिचालन में भी बाधा उत्पन्न हुई है।