कोलंबो, श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने कहा है कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ और मजबूत रुख दक्षिण एशिया में दीर्घकालिक शांति एवं स्थिरता का निर्माण करना है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक संकट है और सभी देशों को इससे निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
सोमवार को ‘डेली मिरर’ अखबार में प्रकाशित एक साक्षात्कार में झा ने कहा कि पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति और आतंकवाद को देश की नीति के रूप में उपयोग करने की प्रवृत्ति, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मुख्य चिंता का विषय होना चाहिए, न कि भारत की आतंकवाद रोधी प्रतिक्रिया।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने छह मई की देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी और पाकिस्तान तथा उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। पहलगाम में 22 अप्रैल के आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
आतंकी ठिकानों पर भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सेना के ड्रोन और मिसाइल हमलों के कारण दोनों देश युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे, हालांकि, 10 मई को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी थी।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष पर पूछे गए सवालों के जवाब में भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर का अंतर्निहित सिद्धांत आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करना है। श्रीलंका स्वयं आतंकवाद का शिकार रहा है और वह आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति का पक्षधर है।’’
झा ने कहा कि भारत ने पहलगाम के पीड़ितों को ‘‘न्याय’’ दिलाने के उद्देश्य से आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सैन्य हस्तक्षेप किया, लेकिन इसका उद्देश्य सीमा पार से होने वाले ऐसे हमलों को रोकना भी था।
झा ने पहलगाम आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने और आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करने के लिए श्रीलंका और राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके को धन्यवाद दिया।