केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पहलगाम हमले से जम्मू-कश्मीर का विकास बाधित न हो : उमर

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श्रीनगर,  जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ‘शीर्ष स्तर पर’ यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पहलगाम आतंकवादी हमला जम्मू-कश्मीर में शासन और विकास की प्रक्रिया को पटरी से न उतारे।

उमर ने सिविल सचिवालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही और साथ ही केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र पर हाल की घटनाओं के प्रतिकूल प्रभाव को स्वीकार किया।

उमर ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए व्यापक राष्ट्रीय समर्थन पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी हालिया बैठक का ब्योरा साझा किया।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार का शीर्ष स्तर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पहलगाम हमले से शासन और विकास की प्रक्रिया बाधित न हो।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी जिम्मेदारी है जिसका हमें ध्यान रखना होगा।’’

मुख्यमंत्री ने सुचारू और सुरक्षित अमरनाथ यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास का आह्वान भी किया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिक प्रशासन की अपनी जिम्मेदारियां हैं, जिन्हें ”हमें किसी भी कीमत पर पूरा करना होगा”।

बहुप्रतीक्षित रेल-टू-कश्मीर परियोजना पर उमर ने उम्मीद जताई कि इसका उद्घाटन जल्द ही होगा। रेल-टू-कश्मीर परियोजना का उद्घाटन 19 अप्रैल के लिए निर्धारित था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘जितनी जल्दी हम पुल और ट्रेन का उद्घाटन करेंगे, उतनी जल्दी अफवाहें खत्म होंगी और रेल से हमें फायदा होगा।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन, सार्वजनिक सेवा वितरण और इसके कामकाज में समग्र सुधार के मामले में सरकार के प्रयास अगले छह महीनों में दिखाई देने लगेंगे। उमर ने कहा कि शासन केवल सरकारी कार्यालयों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।

इस समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी, मंत्री सकीना इट्टू, जावेद अहमद राणा, जावेद अहमद डार और सतीश शर्मा भी शामिल हुए।

उमर ने मौजूदा चुनौतियों के बीच विकास गतिविधियां शुरू करने, बजट घोषणाओं को लागू करने और कुशल शासन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘छह महीने बाद हम श्रीनगर सिविल सचिवालय में वापस आ गए हैं। जिस माहौल में हम उम्मीद कर रहे थे कि दफ्तर खुलेंगे और सामान्य कामकाज होगा, वैसा नहीं हुआ। यह देखा गया है कि अगर हालात अनुकूल और शांतिपूर्ण रहे तो इससे सरकार के कामकाज में सुधार होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करना होगा जो हमारे नियंत्रण में हैं और आम लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए काम करना होगा।’’

 

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