कुशीनगर (उप्र), कुशीनगर के जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ‘पंचशील धम्म ध्वज’ दिखाकर शोभा यात्रा को रवाना किया।
उन्होंने ‘त्रिविध पावनी’ (भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया।
इस अवसर पर तंवर ने कहा कि भगवान बुद्ध के सिद्धांत और उनके जीवन की घटनाएं सभी को शांति और ज्ञान की ओर ले जाती हैं।
बौद्ध भिक्षु ज्ञानेश्वर भंते ने कहा कि गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबिनी में पूर्णिमा के दिन हुआ था। उन्हें बैसाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन 483 ईसा पूर्व में कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। तीनों ही घटनाएं वैशाख पूर्णिमा के दिन हुईं।
भंते ने बताया, “बुद्ध पूर्णिमा भगवान गौतम बुद्ध को याद करने का सबसे बड़ा त्योहार है। दुनिया में इससे बड़ा कोई संयोग नहीं हो सकता कि भगवान गौतम बुद्ध का जन्म बुद्ध पूर्णिमा के दिन हुआ था। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने निर्वाण प्राप्त किया था।”