कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पहलगाम हमले और जाति आधारित गणना पर चर्चा की जायेगी

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नयी दिल्ली,  कांग्रेस के शीर्ष नेता शुक्रवार शाम को पार्टी की कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक में पहलगाम आतंकवादी हमले और आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने संबंधी सरकार के फैसले पर चर्चा करेंगे।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में देश के समक्ष मौजूद दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जायेगी।

सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित कर सकती है और राष्ट्रीय जनगणना के तहत जाति आधारित गणना जल्द कराने के लिए धनराशि आवंटित करने की भी मांग कर सकती है।

रमेश ने कहा, ‘‘शुक्रवार को शाम चार बजे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी और हम इस पर चर्चा करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पहलगाम हमला है और हम इस पर चर्चा करेंगे क्योंकि यह देश के सामने सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। देश (कार्रवाई का) इंतजार कर रहा है और जिन लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है वे न्याय मांग रहे हैं।’’

सीडब्ल्यूसी की बैठक यहां पार्टी के 24, अकबर रोड स्थित कार्यालय में होगी।

रमेश ने कहा कि पार्टी नेतृत्व जाति आधारित गणना के मुद्दे पर भी चर्चा करेगा जिसकी घोषणा सरकार ने बुधवार को की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम संसद में 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा हटाने का मुद्दा उठाएंगे।’’

केंद्र ने बुधवार को घोषणा की थी कि जातिगत गणना अगली जनगणना का हिस्सा होगी, जिसमें आजादी के बाद पहली बार जातियों का विवरण शामिल किया जाएगा।

पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर पिछले सप्ताह 24 अप्रैल को भी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा था कि 22 अप्रैल के हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।

गांधी ने कहा था कि वह सरकार द्वारा ‘‘11 साल तक विरोध’’ करने के बाद आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के ‘‘अचानक’’ लिए गए फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा था कि केंद्र को इसके कार्यान्वयन के लिए समयसीमा बतानी चाहिए।

जाति आधारित गणना पर सरकार की घोषणा के लिए कांग्रेस द्वारा चलाए गए निरंतर अभियान को श्रेय देते हुए गांधी ने कहा था कि अभी तो उन्हें यह संदेह है कि कार्यान्वयन के मामले में यह फैसला महिला आरक्षण विधेयक की राह पर जा सकता है। उन्होंने इसके लिए सरकार से एक विशिष्ट तारीख बताने की मांग की।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जातिगत गणना के लिए कांग्रेस ने सरकार पर जो दबाव बनाया था, वह काम कर गया है।

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