
तोक्यो, दिवस पर दुनिया के कई देशों में श्रमिकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और मार्च निकाला और अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की। ज्यादातर प्रदर्शन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता की आशंकाओं पर केंद्रित थे।
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मजदूर दिवस के रूप में जाना जाने वाला यह दिन श्रमिकों और श्रमिक आंदोलन के संघर्षों और उपलब्धियों का प्रतीक है। शिकागो, लास एंजिलिस, न्यूयॉर्क और फिलाडेल्फिया सहित पूरे अमेरिका में हजारों लोगों के रैलियों और मार्च में शामिल होने की उम्मीद है।
कई देशों में ट्रंप के एजेंडे को चिंता का विषय बताया गया। संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजकों ने कहा कि इस साल उनका संदेश अप्रवासियों, सरकारी कर्मचारियों और विविधता पहलों को लक्षित करने वाले ट्रंप के दृष्टिकोण से मुकाबले पर केंद्रित था।
ताइवान में राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने ट्रंप के शासनकाल में नए अमेरिकी शुल्क का उल्लेख किया तथा नौकरी बाजार को स्थिर करने और आजीविका का समर्थन करने के उद्देश्य से प्रस्तावित व्यय विधेयक पर जोर दिया।
फिलीपीन में प्रदर्शन के दौरान श्रमिक नेता मोंग पलाटिनो ने चेतावनी दी कि “टैरिफ युद्ध और ट्रंप की नीतियों” से स्थानीय उद्योगों को खतरा है।
जापान में भी ट्रंप की नीतियां प्रदर्शनों में छाई रही। तोक्यो में निकाले गए एक मार्च में ट्रक पर ट्रंप जैसी दिखने वाली गुड़िया रखी गई थी।जापान में प्रदर्शनकारियों ने उच्च वेतन, लैंगिक समानता, स्वास्थ्य सेवा, कम सैन्य खर्च और भूकंप पीड़ितों के लिए आपदा राहत जैसी मांगे उठाई। उन्होंने गाजा में युद्ध विराम और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को समाप्त करने की भी मांग की।
तोक्यो में माताओं के एक समूह की सदस्य जुन्को कुरामोची ने कहा, “हमारे बच्चे आशा के साथ जीये इसके लिये श्रमिकों के अधिकारों को मान्यता दी जानी चाहिए।”
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने ”मज़दूरों एक हो जाओ! दुनिया के मज़दूर! मई दिवस!” जैसे नारे लगाए।
फिलीपीन में हजारों मजदूरों ने मनीला में राष्ट्रपति भवन के पास मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें उस ओर नहीं जाने दिया। प्रदर्शनकारियों ने उच्च वेतन और स्थानीय रोजगार व व्यवसायों के लिए सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।
इंडोनेशिया में राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने जकार्ता के राष्ट्रीय स्मारक पार्क में जुटे हजारों श्रमिकों को बधाई दी।
सुबियान्टो ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “मैं जिस सरकार का नेतृत्व कर रहा हूं, वह इंडोनेशिया से गरीबी को समाप्त करने के लिए यथासंभव कड़ी मेहनत करेगी।”
इंडोनेशियाई ट्रेड यूनियन परिसंघ के अध्यक्ष सईद इकबाल के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मई दिवस के मार्च में लगभग दो लाख इंडोनेशियाई श्रमिकों के भाग लेने की उम्मीद है। इकबाल ने कहा कि मार्च में शामिल लोगों ने आउटसोर्सिंग नियमों को समाप्त करने, वेतन वृद्धि तथा घरेलू कामगारों और विदेशों में प्रवासी कामगारों के लिए सुरक्षा की मांग उठाई।
तुर्किये में मई दिवस न केवल श्रम अधिकारों के लिए बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के व्यापक आह्वान के लिए भी एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यहां प्रदर्शनकारियों ने इस्तांबुल के विपक्षी मेयर एक्रेम इमामोग्लू को जेल में डाले जाने का विरोध करने की योजना बनाई।
मार्च में इमामोग्लू को जेल भेजे जाने के बाद देश में एक दशक से भी ज़्यादा समय में सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन हुए और बृहस्पतिवार के सार्वजनिक अवकाश के कारण सरकार विरोधी प्रदर्शनों के फिर से शुरू होने की संभावना उत्पन्न हो गई। इसके मद्देनजर अधिकारियों ने केंद्रीय इस्तांबुल तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया और पारगमन लाइनों को बंद कर दिया।
एक अधिवक्ता संघ ने कहा कि तकसीम स्क्वायर के पास दोपहर से पहले 200 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तकसीम स्क्वायर एक प्रतीकात्मक रैली स्थल है, जो मई दिवस के अवसर पर होने वाले समारोहों के लिए लंबे समय से बंद था। इसमें वे वकील भी शामिल थे, जो हिरासत में लिए जाने के बाद वहां मौजूद थे।
इस वर्ष लास एंजलिस में विश्व के सबसे बड़े मई दिवस समारोहों में से एक का आयोजन होने की उम्मीद है।
लगभग 20 लाख श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाली यूनियन, सर्विस एम्प्लॉइज इंटरनेशनल यूनियन की अध्यक्ष अपैल वेरेट ने एक बयान जारी कर कहा,” हम उन अरबपतियों और राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं जो हमें डर और झूठ के ज़रिए बांटने की कोशिश कर रहे हैं। हम सच जानते हैं – अप्रवासी श्रमिकों पर हमला सभी श्रमिकों पर हमला है।”