31 मई का इतिहास : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया
Focus News 31 May 2025 0
नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) साल के पांचवें महीने का अंतिम दिन बहुत सी घटनाओं के साथ इतिहास में दर्ज है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण घटना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया जाना भी शामिल है।
महात्मा गांधी ने 1921 में 31 मई के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्वज को स्वीकृत और संशोधित किया। यह मूल रूप से आंध्र प्रदेश के एक व्यक्ति द्वारा डिजाइन किया गया था।
देश दुनिया के इतिहास में 31 मई की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1577: मुगल सम्राट जहांगीर की पत्नी नूरजहां का जन्म।
1727: फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड ने पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किए।
1759: अमेरिका के उत्तर पूर्वी प्रांत पेंसिलवेनिया में थियेटर के सभी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया गया।
1878: जर्मनी का युद्धपोत एसएमएस ग्रोसर करफर्स्ट के डूबने से 284 लोगों की मौत। 1889: अमेरिका के पेंसिलवेनिया स्थित जांसटाउन में भीषण बाढ़ से 2,200 से अधिक लोगों की मौत।
1900: लार्ड राबर्ट्स के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों ने जोहानिसबर्ग पर कब्जा किया।
1907: अमेरिका के न्यूयार्क शहर में पहली टैक्सी सेवा शुरू।
1921: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया।
1935: पाकिस्तान के क्वेटा शहर में भीषण भूकंप से 50 हजार से अधिक लोगों की मौत। 1959: बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई। 1964 : बंबई में इलेक्ट्रिक ट्राम अंतिम बार चली।
1966: दक्षिणी वियतनाम के शासन के विरोध में ह्यू शहर में वियतनाम की बौद्ध युवती ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। आग की लपटों से घिरी युवती की तस्वीर ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया।
1977: भारतीय सेना के एक दल ने पहली बार विश्व के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कंचनजंगा पर चढ़ाई की।
2008: विश्व के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने 100 मीटर दौड़ 9.72 सेकंड में पूरी कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
2010 : भारत में मान्यता प्राप्त हर निजी स्कूल में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी सीट आरक्षित करने का कानून बनाया गया।
2023: भारत ओटीटी (ओवर दी टॉप) कार्यक्रमों के लिए तंबाकू के खिलाफ चेतावनी जारी करने को अनिवार्य करने वाला पहला देश बना।
2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कन्याकुमारी में अपनी ध्यान साधना के दूसरे दिन विवेकानंद रॉक मेमोरियल में सूर्योदय के दौरान ‘सूर्य अर्घ्य’ दिया।