विजयवाड़ा, 20 मई (भाषा)आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मंगलवार को दावा किया कि दक्षिणी राज्य आतंकवाद के लिए आसान लक्ष्य बने हुए हैं तथा हैदराबाद और कोयंबटूर में हुए हमले याद दिलाते हैं कि लगातार सतर्कता बरतने की जरूरत है।
कल्याण ने आंतरिक सुरक्षा पर चिंता जताई तथा कथित रूप से रोहिंग्या के बढ़ते प्रवास और तटीय हिस्से से घुसपैठ के खतरों के मद्देनजर सतर्कता बढ़ाने का आह्वान किया।
एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, कल्याण ने कहा, ‘‘हमारी पुलिस को सीमा पर हमारे सशस्त्र बलों की तरह ही सतर्क रहना चाहिए। मैंने आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सख्त निगरानी और प्रशासनिक विभागों के साथ बेहतर समन्वय का आह्वान किया है।’’
उपमुख्यमंत्री ने तटीय क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने पर जोर दिया तथा खतरों को रोकने के लिए अपरिचित व्यक्तियों पर निगरानी रखने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पुलिस द्वारा हाल ही में किए गए संयुक्त अभियान का हवाला देते हुए ‘‘आतंकवादी संबंधों के खुलासे’’ का उल्लेख किया, जिससे रणनीतिक आंतरिक सतर्कता और प्रवासी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता को बल मिला।
कल्याण ने दावा किया कि रोहिंग्या घुसपैठियों की बस्तियों के कारण स्थानीय रोजगार प्रभावित हो रहा है, घुसपैठियों को राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र मिल रहे हैं, जिससे ‘‘प्रणालीगत लापरवाही और सुरक्षा चूक’’ को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं।
उप मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि घुसपैठिये सरकारी दस्तावेज कैसे बनवा रहे हैं। उन्होंने इसमें आंतरिक मिलीभगत का आरोप लगाया तथा राज्य में घुसपैठियों को स्थायी रूप से बसाने में सहायता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।