नयी दिल्ली, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पाटी (माकपा) के महासचिव एम.ए. बेबी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की ‘‘मध्यस्थता’’ को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और इसमें प्रधानमंत्री खुद भाग लें।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी ‘‘मध्यस्थता’’ से जुड़े मामले पर सरकार के उच्चतम स्तर से आधिकारिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।
विदेश सचिव मिसरी ने शनिवार शाम को घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान ने सैन्य अभियान महानिदेशकों ने शनिवार दोपहर को बातचीत के दौरान सैन्य संघर्ष रोकने के समझौते पर सहमति व्यक्त की और अगली वार्ता 12 मई के लिए निर्धारित की गई है।
इस घोषणा से कुछ ही देर पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अमेरिका की ‘‘मध्यस्थता’’ से दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई।
बेबी ने पत्र में कहा, ‘‘संघर्षविराम की घोषणा से हमारे देश के सभी वर्गों के साथ-साथ शांतिप्रिय अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी राहत मिली है। हालांकि, कई गंभीर चिंताएं, विशेष रूप से पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी हमले से जुड़ी चिंताओं का निदान नहीं हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद देश के लोगों ने जिस एकजुटता का परिचय दिया वह बेशकीमती है।
माकपा महासचिव का कहना है, ‘‘इस एकजुटता का उपयोग आतंकवादियों और उनके समर्थकों को अलग-थलग करने के लिए किया जाना चाहिए।’’
बेबी ने इस बात पर अफसोस जताया कि ‘‘राष्ट्रीय एकता के इस क्षण’’ को घृणा और अंधराष्ट्रवाद के विषैले अभियानों के साथ-साथ कुछ मीडिया मंच और सोशल मीडिया पर मौजूद तत्वों द्वारा गलत सूचना के प्रसार से कमजोर किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन कदमों से जनता में काफी भ्रम और अशांति पैदा हुई है।
बेबी ने इस बात का उल्लेख भी किया कि अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा की गई संघर्षविराम की घोषणा ने गंभीर चिंताएं पैदा की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश की यह सर्वमान्य नीति है कि हम अपने विवादों को बिना किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के द्विपक्षीय रूप से सुलझाएंगे। इसलिए, इस स्थिति को हमारी सरकार के उच्चतम स्तर से स्पष्ट और आधिकारिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है।’’
बेबी ने कहा, ‘‘मैं आपसे संसद का एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करता हूं, जैसा कि पहले ही माकपा के नेताओं ने अनुरोध किया है। सरकार की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए प्रधानमंत्री के रूप में आपकी व्यक्तिगत मौजूदगी का अनुरोध भी करता हूं।’’