जमशेदपुर, 20 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने जनजातीय सलाहकार समिति (टीएसी) की बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है, क्योंकि झामुमो-नीत सरकार ने कथित तौर पर परंपरा की अवहेलना की है।
यह बैठक बुधवार को रांची में होने वाली है।
सोरेन ने कहा, ‘‘झारखंड के राज्यपाल की अध्यक्षता में टीएसी गठित करने की परंपरा रही है, लेकिन राज्य सरकार ने इस परंपरा की अवहेलना की है। इसलिए भाजपा ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है।’’
जनजातीय समिति आमतौर पर मूल निवासियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करती है।
भाजपा विधायक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यद्यपि समिति का गठन जनजातीय समुदायों के हित में निर्णय लेने और सरकार को सलाह देने के लिए किया गया, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ‘‘ऐसी बैठकों में कोई महत्वपूर्ण परिणाम नहीं निकला है’’।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास ‘‘जनजातीय समिति में बहुमत का प्रतिनिधित्व है। फिर भी, आदिवासी समाज के कई मुद्दे लंबे समय से लंबित हैं, जो सरकार के अनिर्णायक रवैये को दर्शाता है।’’
सोरेन ने दावा किया, ‘‘निर्धारित टीएसी बैठक का पहला एजेंडा आदिवासी बहुल गांवों में शराब की दुकानें और बार खोलने के लिए लाइसेंस प्रदान करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपना सामाजिक जीवन नशारोधी अभियान से शुरू किया है। इसलिए मैं बैठक में शामिल नहीं हो सकता, क्योंकि शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी जाएगी।’’
सोरेन ने आशंका व्यक्त की कि इस तरह के कदम से झारखंड की युवा पीढ़ी नशे के दलदल में फंस जाएगी।