टेस्ट कप्तानी में गिल की योग्यता का आकलन करना अभी जल्दबाजी होगी: आशीष कपूर
Focus News 19 May 2025 0
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) गुजरात टाइटंस के सहायक कोच आशीष कपूर का मानना है कि शुभमन गिल एक ‘सोच-समझकर खेलने वाले क्रिकेटर’ हैं लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अगर उन्हें भारतीय टीम की कमान सौंपी जाती है तो वह टेस्ट प्रारूप में अपनी टी20 कप्तानी की सफलता को दोहरा पाएंगे या नहीं।
मौजूदा सत्र में गुजरात टाइटंस को अपनी कप्तानी में आईपीएल प्लेऑफ में पहुंचाने वाले गिल को रोहित शर्मा के हाल ही में संन्यास लेने के बाद टेस्ट क्रिकेट में उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
रविवार रात मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कपूर ने कहा, ‘‘अगर आप शुभमन को बल्लेबाज या मूल रूप से क्रिकेटर के तौर पर देखते हैं, वह सोच-समझकार काम करने वाला है या नहीं, मुझे लगता है कि वह अपने खेल के बारे में काफी सोच-समझकर काम करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उसे अंडर-16 के दिनों से देखा है। असल में मैंने उसके साथ एनसीए में दो शिविर किए हैं। उस समय भी उसने अपनी उम्र के कई अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अपने दिमाग का बहुत अधिक उपयोग किया। और यह एक कप्तान के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है – उसे ना केवल अपने लिए बल्कि दस अन्य खिलाड़ियों के लिए भी सोचना है और मैच जीतने की योजना बनाना है।’’
भारत 20 जून से लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला की शुरुआत करने को तैयार है और इस सप्ताह नए टेस्ट कप्तान की घोषणा होने की उम्मीद है।
यह पूछे जाने पर कि अगर अवसर दिया जाता है तो गिल लाल गेंद के कप्तान के रूप में कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं, कपूर ने कहा कि सीमित अनुभव के आधार पर नेतृत्व क्षमताओं का आकलन करना मुश्किल है।
भारत के इस पूर्व स्पिनर ने कहा, ‘‘मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं। हम उन्हें टी20 क्रिकेट में नेतृत्व करते हुए देख रहे हैं लेकिन जब धोनी को विश्व कप (2007 में) के लिए कप्तान बनाया गया था तब उन्होंने कहीं भी कप्तानी नहीं की थी। तब किसी को नहीं पता था कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक बन जाएगा।’’
कपूर ने कहा, ‘‘अगर आप उस समय किसी से पूछते – यहां तक कि खुद धोनी से भी – कि वह अपनी कप्तानी के बारे में क्या सोचते हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता। किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले आपको एक खिलाड़ी को काफी समय तक देखना होता है। शुभमन ने अभी शुरुआत भी नहीं की है इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है।’’
कपूर ने पारंपरिक क्रिकेट शॉट खेलने के लिए साई सुदर्शन की भी प्रशंसा की। सुदर्शन ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ नाबाद 108 रन की पारी खेली और आईपीएल के मौजूदा सत्र में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वे खुद भी खेल को अच्छी तरह समझते हैं। वे स्मार्ट क्रिकेटर हैं, स्मार्ट बच्चे हैं। आपको उन्हें कभी-कभी बताते रहना चाहिए लेकिन वे अपने खेल का विश्लेषण खुद करते हैं। वे आक्रमण करना चाहते हैं।’’
कपूर ने कहा, ‘‘अगर आप देखें तो उसके आक्रामक शॉट भी बाउंड्री हैं। अगर उसे कोई छोटी या कमजोर गेंद मिलती है तो वह छक्का जड़ देता है। लेकिन बाकी सभी उचित क्रिकेट है, जमीन से छूते हुए आक्रामक शॉट।’’
उन्होंने कहा, ‘वह अपनी पारी की शुरुआत में इन शॉट को खेलने के लिए अधिक जागरूक है। पिछले साल यह प्रतिशत कम था जो इस साल बेहतर हो गया है।’’
दिल्ली कैपिटल्स को टाइटंस के खिलाफ तीन विकेट पर 199 रन का मजबूत स्कोर खड़ा करने के बावजूद 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन उसके बल्लेबाज अभिषेक पोरेल का मानना है कि टीम के पास अब भी प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने का मौका है।
पोरेल ने कहा, ‘‘हमने अच्छा क्रिकेट खेला लेकिन हम कुछ मौकों पर थोड़ा पीछे रह गए इसलिए हम जीत नहीं सके। हमारे पास अब भी दो मैच बचे हैं और अगर हम दोनों जीत जाते हैं तो हमारे पास अब भी क्वालीफाई करने का मौका है।’’
दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर (मार्गदर्शक) केविन पीटरसन पोरेल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं जिसक पर उन्होंने कहा, ‘‘केविन पीटरसन के साथ अनुभव शानदार रहा है। वह हमें बताते हैं कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है। जब हम कुछ सही करते हैं तो वह हमारी सराहना करते हैं लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब हम असफल होते हैं तो वह हमारा सबसे अधिक समर्थन करते हैं।’’
पोरेल ने कहा, ‘‘पूरा टीम प्रबंधन हमें याद दिलाता रहता है कि हम अब भी वापसी कर सकते हैं। यह मेरा दूसरा सत्र है और उतार-चढ़ाव खेल का हिस्सा है। लेकिन मैं हर मैच के साथ सीख रहा हूं।’’
दिल्ली की टीम अपने सलामी बल्लेबाजों को लेकर प्रयोग कर रही है। पोरेल ने तीसरे नंबर पर आने से पहले कुछ मैच में फाफ डु प्लेसी के साथ पारी का आगाज किया।
पोरेल ने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से टीम प्रबंधन पर निर्भर करता है। वे जहां भी चाहेंगे मैं वहां खेलूंगा। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फर्क पड़ता है कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करता हूं या पारी का आगाज करता हूं। मैं टीम की जरूरत के हिसाब से खेलने पर ध्यान केंद्रित करता हूं।’’