चीन में आयोजित की गई दुनिया की पहली रोबोट ‘हाफ मैराथन’

0
kmpohs6_robot_625x300_19_April_25

बीजिंग, 19 अप्रैल (भाषा) चीन ने शनिवार को दुनिया की पहली ऐसी मैराथन आयोजित की जिसमें मानव धावकों के साथ मानव रोबोट भी शामिल हुए।

यह दौड़ रोबोटिक्स में अमेरिका के साथ बीजिंग की बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकियों में प्रगति को प्रदर्शित करती है।

शीर्ष विश्वविद्यालयों और कंपनियों के अपने तकनीकी संचालकों के साथ इक्कीस मानवरूपी रोबोटों ने बीजिंग के आर्थिक-तकनीकी विकास क्षेत्र में 21 किलोमीटर की दौड़ में भाग लिया।

मनुष्यों के साथ दौड़ते हुए विभिन्न आकार और आकृति वाले रोबोट कौतुहल पैदा कर रहे थे और उन्हें देखन के लिए फुटपाथ पर भारी संख्या में लोग जमा थे।

मैराथन में हिस्सा ले रहे रोबोट को एक मीटर से अधिक अंतराल पर क्रमिक रूप से प्रक्षेपित किया गया, तथा उन्हें समर्पित ट्रैक तक सीमित रखे गए, जहां बैटरी स्वैप फॉर्मूला-1 के पिट स्टॉप्स की तरह था।

अंत में, न केवल गति के लिए बल्कि सर्वश्रेष्ठ सहनशक्ति, सर्वश्रेष्ठ चाल डिजाइन और सर्वाधिक नवीन फॉर्म जैसी श्रेणियों के लिए भी पुरस्कार वितरित किए गए – जिसमें एथलेटिक प्रदर्शन और इंजीनियरिंग क्षमता दोनों का सम्मान किया गया।

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने इसे विश्व की पहली ऐसी दौड़ बताया है। एजेंसी ने एक वीडियो फुटेज भी जारी किया है, जिसमें कई रोबोट प्रतियोगियों के साथ दौड़ रहे हैं, इनमें से एक रोबोट काली धूप वाले चश्मे और सफेद दस्ताने पहने दिख रहा है।

हालांकि, सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिख रहा कि यह एक सहज दौड़ नहीं थी क्योंकि कुछ रोबोट को शुरुआत में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और यहां तक ​​कि आपस में भीड़ गए।

प्रतिस्पर्धा कर रही 20 टीमों में से, तियांगोंग टीम के तियांगोंग अल्ट्रा ने दो घंटे 40 मिनट के समय के साथ रोबोट मैराथन पूरी कर जीत दर्ज। यह इथियोपिया के एलियास डेस्टा के समय से एक घंटे और दो मिनट अधिक है, जिन्हें पुरुषों की दौड़ का विजेता घोषित किया गया।

चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स सोसाइटी का अनुमान है कि चीन का मानव रोबोट बाजार 2030 तक लगभग 870 अरब युआन (लगभग 119 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच सकता है।

यिझुआंग की प्रशासनिक समिति के उप निदेशक लियांग लियांग ने कहा, ‘‘रोबोट द्वारा दौड़ पूरी करना अंतिम लक्ष्य नहीं है। यह औद्योगिक विकास और अंतर-विषयक शिक्षा के लिए शुरुआती बिंदु है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज उनके छोटे कदम कल मानव तकनीकी प्रगति के लिए बड़ी छलांग बन जाएंगे।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *