विश्व मुक्केबाजी ने बीएफआई मामलों की देखरेख के लिए अंतरिम समिति गठित की

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नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) विश्व मुक्केबाजी ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के मामलों की देखरेख के लिए एक अंतरिम समिति का गठन किया है, ताकि प्रशासनिक निरंतरता और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

 विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह को पत्र लिखकर छह सदस्यीय समिति की नियुक्ति की जानकारी दी है।

अजय सिंह समिति की अध्यक्षता करेंगे। वह इस पद पर ‘90 दिनों से अधिक की अवधि के लिए नहीं रहेंगे’। छह सदस्यीय समिति में बीएफआई के उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार निरवान, कार्यकारी निदेशक अरुण मलिक और ओलंपियन एल सरिता देवी शामिल हैं। सात अप्रैल को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि समिति के शेष दो सदस्यों में से एक भारतीय ओलंपिक समिति (आईओए) का नामित व्यक्ति होगा, जिसे ‘आईओए अध्यक्ष और सदस्यों के परामर्श से नामित किया जाएगा।’’

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने अभी तक किसी सदस्य को नामित नहीं किया है। सिंगापुर मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष फैरुज मोहम्मद भी समिति का हिस्सा हैं। वह ‘इस समिति के काम को मान्यता देने के लिए’ पर्यवेक्षक के रूप में विश्व मुक्केबाजी के प्रतिनिधि के रूप में भी काम करेंगे।

सिंह ने बीएफआई सचिव हेमंत कलिता और कोषाध्यक्ष दिग्विजय सिंह को निलंबित कर दिया, क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सुधीर कुमार जैन की अगुवाई में हुई जांच में दोनों को ‘वित्तीय अनियमितताओं’ का दोषी पाया गया था।

कलिता और दिग्विजय दोनों ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी है।

महासंघ के बीच अंदरूनी कलह के कारण पिछले महीने कई राज्य इकाइयों ने महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप का बहिष्कार किया था। इस आयोजन के दौरान सिंह ने कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप की घोषणा की थी।

वान डेर वोर्स्ट ने अपने पत्र में लिखा, ‘‘यह अंतरिम समिति प्रशासनिक निरंतरता प्रदान करने के साथ भारतीय मुक्केबाजों के अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए बनाई जा रही है। इसका अस्तित्व बीएफआई में चुनाव के साथ नयी लोकतांत्रिक कार्यकारी समिति के गठन तक रहेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंतरिम समिति को प्रशासनिक निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए बीएफआई के दिन-प्रतिदिन के प्रबंधन सहित कई जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इसमें राष्ट्रीय चैंपियनशिप सहित घरेलू प्रतियोगिताओं को ‘निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी’ तरीके से आयोजित करना और सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना शामिल है।’’

समिति चयन नीति के आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए समयबद्ध तरीके से भारतीय टीमों का चयन करेगी और भारतीय मुक्केबाजी तथा उसके खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण, भारतीय ओलंपिक संघ) तथा अन्य राष्ट्रीय हितधारकों के साथ समन्वय करेगी।

यह पता चला है कि दो उपाध्यक्ष सहित बीएफआई के कई सदस्यों ने भारतीय मुक्केबाजी पर चिंता जताते हुए वान डेर वोर्स्ट से संपर्क किया था, जिसके बाद विश्व निकाय ने कार्रवाई की।

इस साल फरवरी में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से मान्यता हासिल करने वाली विश्व मुक्केबाजी ने यह भी कहा कि समिति को विश्व मुक्केबाजी के नियमों और भारतीय कानून की आवश्यकताओं के अनुरूप बीएफआई संविधान में संशोधन और बदलाव की पहल करनी होगी तथा भारतीय मुक्केबाजी से जुड़ी कानून संबंधित मुद्दों का समाधान करना होगा।

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