थोक मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 2.05 प्रतिशत पर, छह महीने का निचला स्तर

0
inflation_1

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में मासिक आधार पर घटकर छह महीने के निचले स्तर 2.05 प्रतिशत पर आ गई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इससे पहले पिछले साल सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 1.91 प्रतिशत पर रही थी।

वहीं थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी। हालांकि, वार्षिक आधार पर मार्च में इसमें वृद्धि हुई है। मार्च, 2024 में यह 0.26 प्रतिशत थी।

उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मार्च 2025 में थोक मुद्रास्फीति सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, बिजली व कपड़े आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी है।

थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी के 3.38 प्रतिशत से घटकर मार्च में 1.57 प्रतिशत रह गई। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट इसकी मुख्य वजह रही।

आलू की मुद्रास्फीति जो फरवरी, 2024 से दोहरे अंक में बढ़ रही थी मार्च, 2025 में इसमें गिरावट आई। मार्च, 2025 में आलू में यह 6.77 प्रतिशत थी। प्याज की मुद्रास्फीति फरवरी में 48.05 प्रतिशत के मुकाबले मार्च में घटकर 26.65 प्रतिशत रह गई।

हालांकि, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 3.07 प्रतिशत हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.86 प्रतिशत थी।

ईंधन तथा बिजली में भी वृद्धि देखी गई और मार्च में यह 0.20 प्रतिशत रही।

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट निदेशक पारस जसराय ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में थोक मुद्रास्फीति औसतन 2.3 प्रतिशत रही, जो 2023-24 (-0.7 प्रतिशत) से अधिक है। हालांकि वित्त वर्ष 2022-23 के 11.2 प्रतिशत से काफी कम है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। आरबीआई ने पिछले सप्ताह प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *