कोलकाता, 22 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार उन स्कूली शिक्षकों के साथ मजबूती से खड़ी है, जिन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अपनी नौकरी खो दी है।
उन्होंने शिक्षकों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
बसु ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारी शिक्षकों से किसी भी ऐसे काम से दूर रहने का आग्रह किया, जिससे राज्य सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर की जाने वाली समीक्षा याचिका कमजोर हो।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य सरकार प्रदर्शनकारी शिक्षकों के साथ मजबूती से खड़ी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है। हम उन लोगों के हित में काम कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम समीक्षा याचिका दायर कर रहे हैं। इसलिए, मैं आंदोलनकारी शिक्षकों से अनुरोध करता हूं कि वे ऐसा कोई काम नहीं करें जिससे हमारी याचिका कमजोर हो, जिससे उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन हो या उनके या हमारे द्वारा न्यायालय की अवमानना हो।’’
शीर्ष अदालत ने तीन अप्रैल को राज्य द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया और पूरी चयन प्रक्रिया को ‘‘दोषपूर्ण और अनुचित’’ बताया।
न्यायालय के इस आदेश के परिणामस्वरूप अपनी नौकरी खोने वाले 2,000 से अधिक शिक्षकों ने सोमवार शाम को सॉल्ट लेक में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने मांग की कि आयोग को योग्यता के आधार पर भर्ती किए गए उम्मीदवारों और रिश्वत देकर नियुक्ति पाने वाले उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित करनी होगी।