रेपो दर कटौती से भी कमजोर बाजार को नहीं मिला समर्थन, सेंसेक्स 380 अंक फिसला

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मुंबई, नौ अप्रैल (भाषा) बढ़ते व्यापार तनाव से वैश्विक बाजारों में आई गिरावट के बीच स्थानीय शेयर बाजार बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती किए जाने के बावजूद नुकसान के साथ बंद हुए। सेंसेक्स करीब 380 अंक फिसल गया जबकि निफ्टी में 137 अंक की गिरावट रही।

विश्लेषकों ने कहा कि रिजर्व बैंक के नीतिगत मोर्चे पर सकारात्मक कदम उठाने के बावजूद वैश्विक व्यापार चिंताएं बाजार पर हावी रहीं और निवेशकों ने बिकवाली को प्राथमिकता दी।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 379.93 अंक यानी 0.51 प्रतिशत गिरकर 73,847.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 554.02 अंक गिरकर 73,673.06 अंक के निचले स्तर तक फिसल गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी 136.70 अंक यानी 0.61 प्रतिशत गिरकर 22,399.15 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान एक समय यह 182.6 अंक गिरकर 22,353.25 अंक पर आ गया था।

एशियाई बाजारों में कमजोर रुझानों को दर्शाते हुए घरेलू सूचकांक गिरावट के साथ खुले और पूरे सत्र के दौरान नकारात्मक दायरे में ही बने रहे। दरअसल, अमेरिका के चीन पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 104 प्रतिशत करने की घोषणा से व्यापार युद्ध गहराने की आशंका बढ़ गई है।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘जवाबी शुल्क लागू होने के बाद वैश्विक वित्तीय बाजारों में नए सिरे से बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है। व्यापार युद्ध वैश्विक जोखिम को बढ़ा रहा है और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि से दुनिया की सुरक्षित संपत्तियों में बिकवाली हो रही है।’’

नायर ने कहा, ‘‘हालांकि, भारत में रेपो दर में कटौती के साथ एक उदार नीतिगत रुख अपनाने को रचनात्मक कदम के रूप में लिया गया है। लेकिन बाजार की समग्र धारणा को ऊपर उठाने में इसका योगदान बहुत कम रहा है क्योंकि दुनिया मंदी के जोखिम को स्वीकार कर रही है।’’

सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से भारतीय स्टेट बैंक, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, सन फार्मा, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एनटीपीसी के शेयरों में गिरावट का रुख हावी रहा।

दूसरी तरफ नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाइटन, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईटीसी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।

बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में भी 1.08 प्रतिशत और मिडकैप में 0.73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

क्षेत्रवार सूचकांकों में आईटी खंड 2.01 प्रतिशत, रियल्टी खंड दो प्रतिशत और प्रौद्योगिकी खंड 1.57 प्रतिशत के नुकसान में रहे जबकि टिकाऊ उपभोक्ता खंड और दैनिक उपभोग के सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) के खंड में तेजी रही।

एशिया के अन्य बाजारों में जापान के निक्की और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट दर्ज की गई जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त के साथ बंद हुआ। निक्की सूचकांक करीब चार प्रतिशत तक लुढ़क गया।

यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजार भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को लगातार दूसरी बार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। इसके साथ आरबीआई ने अपने नीतिगत रुख को भी ‘तटस्थ’ से बदलकर ‘उदार’ कर दिया जो भविष्य में और अधिक कटौती का संकेत देता है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘चीन पर नए अमेरिकी शुल्क की घोषणा के बाद बाजार की धारणा प्रभावित हुई। रिजर्व बैंक की घोषणा पर भी बाजार ने कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं दी।’’

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 4,994.24 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की।

इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 4.23 प्रतिशत गिरकर 60.16 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 1,089.18 अंक बढ़कर 74,227.08 अंक और एनएसई निफ्टी 374.25 अंक चढ़कर 22,535.85 अंक पर रहा था।

घरेलू शेयर बाजारों में ‘महावीर जयंती’ के अवसर पर बृहस्पतिवार को अवकाश रहेगा।

 

 

 

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