
लखनऊ, 12 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिये सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 10,000 ‘पर्यावरण सखियों’ को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से जोड़ने की योजना बनाई है।
एक बयान के अनुसार, यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा देगी।
सरकार ने कहा कि इस मिशन के तहत प्रेरणा ओजस प्राइवेट लिमिटेड सौर ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल है, जिसमें सौर उत्पाद विनिर्माण, विकेन्द्रीकृत सौर प्रणाली, स्वच्छ खाना पकाने के उत्पाद और सौर खुदरा दुकानें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए एक अनूठी पहल शुरू की है, जो ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता की नई राह दिखाएगी।
सरकार ने कहा कि मिशन का मुख्य ध्यान सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
वित्त वर्ष 2024-25 में लखनऊ में एक सौर उत्पाद निर्माण इकाई शुरू की गई, जबकि 20 जिलों के 207 विकास खंडों में 414 सौर खुदरा दुकानें स्थापित की गईं, जिनसे 414 महिलाओं को लाभ हुआ। इसके अलावा 80 सौर खाद्य प्रसंस्करण मशीन, ड्रायर, और डीफ्रीजर स्थापित किए गए।
मिशन निदेशक दीपा रंजन ने इस महत्वाकांक्षी योजना की बारीकियों को साझा करते हुए बताया कि अगले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा और महिला सशक्तीकरण का केंद्र बनाने का एक विस्तृत खाका तैयार किया गया है।
इस रणनीति के तहत हर मंडल में सौर उत्पाद विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में कुल 18 मंडलों को कवर करते हुए इन इकाइयों के माध्यम से 540 महिलाओं को सीधे रोजगार प्रदान किया जाएगा। ये इकाइयां सौर पैनल, बैटरी, और अन्य अत्याधुनिक उत्पादों के निर्माण पर केंद्रित होंगी, जो न केवल स्थानीय जरूरतों को पूरा करेंगी, बल्कि बाजार में भी अपनी पहचान बनाएंगी।
इसके अलावा सरकार 826 विकास खंडों में 3,304 सौर दुकानों की स्थापना करने जा रही है। प्रत्येक विकास खंड में औसतन चार दुकानें खोली जाएंगी, जो सौर लालटेन, चार्जर और छोटे घरेलू उपकरणों की बिक्री और मरम्मत के लिए केंद्र के रूप में काम करेंगी। इससे 3,304 महिलाएं इन दुकानों का संचालन कर आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा का प्रसार तेज होगा।
प्रदेश में 20,000 विकेंद्रीकृत सौर उत्पादों जैसे सौर खाद्य प्रसंस्करण मशीन, सौर ड्रायर, और सौर डीफ्रीजर की स्थापना की जाएगी। इन उत्पादों से 20,000 महिलाओं को उद्यमिता का मौका मिलेगा, जो उन्हें छोटे व्यवसाय शुरू करने और स्थानीय स्तर पर आय सृजन में सक्षम बनाएगा।
ये उत्पाद खाद्य संरक्षण और ऊर्जा संचयन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। इसके अलावा, प्रदेश की 57,702 ग्राम पंचायतों में 57,702 ‘सूर्य सखियों’ की तैनाती की जाएगी। हर ग्राम पंचायत में एक सूर्य सखी होगी, जो सौर ऊर्जा उत्पादों के उपयोग, रखरखाव, और जागरूकता फैलाने की जिम्मेदारी लेगी। यह कदम ग्रामीण स्तर पर ऊर्जा क्रांति को गति देगा और महिलाओं को तकनीकी नेतृत्व की भूमिका में लाएगा।
प्रदेश में अगले तीन साल में 10,000 पर्यावरण सखियों का प्रशिक्षण देकर दिया जाएगा। ये सखियां स्वच्छ ऊर्जा से खाना पकाने के समाधानों जैसे, सौर चूल्हे और बायो-गैस सिस्टम को बढ़ावा देंगी, जो धुएं से मुक्त रसोई और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करेंगी। इससे घरेलू प्रदूषण कम होगा, महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, और ग्रामीण जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा।