अमरावती, आठ अप्रैल (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क लगाए जाने के कारण दबाव में आए राज्य के जलीय खेती क्षेत्र के साथ खड़े रहने का संकल्प जताया।
जलीय खेती दक्षिणी राज्य का चौथा सबसे बड़ा सेक्टर है, जिसका योगदान 2024-25 में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 1.3 लाख करोड़ रुपये यानी लगभग नौ प्रतिशत रहा।
नायडू ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘जलीय खेती क्षेत्र को प्रभावित करने वाली समस्या अप्रत्याशित है। हालांकि, घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आइए हम सब मिलकर इस समस्या का समाधान खोजें।’’
मुख्यमंत्री ने किसानों के इस अनुरोध पर भी सहमति जताई कि उनके तालाबों में ताजा पानी की आपूर्ति की जाए क्योंकि इससे बीमारियों और संक्रमण का खतरा कम होगा और फसल अच्छी रहेगी।
उन्होंने व्यापारियों से कहा कि किसानों के लाभ को देखते हुए 220 रुपये की कीमत पर 100 झींगा (एक किलोग्राम में लगभग 100 झींगा) खरीदें।
जब झींगा निर्यातकों ने नायडू को बताया कि दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते से उन्हें मदद मिलेगी, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मुद्दे पर केंद्र से बात करेंगे, साथ ही उन्हें राहत देने के लिए अन्य प्रयास भी करेंगे।
उन्होंने इस क्षेत्र के मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति गठित करने का भी वादा किया।
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने झींगा की कीमतों में गिरावट के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की आलोचना की और उसे किसानों की परेशानी को नजरअंदाज करने के लिए जिम्मेदार ठहराया।
रेड्डी ने कहा कि झींगा की कीमतें 280 रुपये प्रति 100 से गिरकर 200-210 रुपये पर आ गई हैं और आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़े व्यापारियों ने वैश्विक शुल्क चिंताओं के बीच किसानों का शोषण करने के लिए एक ‘सिंडीकेट’ बना लिया है।