नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की एक टिप्पणी पर उनसे माफी की मांग करते हुए और विपक्षी सदस्यों ने अमेरिका के जवाबी शुल्क (टैरिफ) को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के लगभग पांच मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सत्तापक्ष के कई सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और सोनिया गांधी से माफी की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।
दूसरी तरफ, कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों ने अमेरिकी ‘टैरिफ’ के विषय को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब की मांग करते हुए हंगामा किया।
हंगामे के बीच ही, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी अपने मंत्रालय से संबंधित एक पूरक प्रश्न का उत्तर देने के लिए खड़ी हुईं, तब भी भाजपा सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे सोनिया गांधी के नाम का उल्लेख करते हुए यह कहते सुने गए, ‘‘उन्होंने संसद का अपमान किया है। वह जब चाहती हैं संसद पर हमला करती हैं, राष्ट्रपति पर हमला करती हैं, उप राष्ट्रपति पर हमला करती हैं।’’
सोनिया गांधी राज्यसभा सदस्य हैं।
दूसरी तरफ, विपक्षी सदस्यों ने ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे लगाए।
नारेबाजी नहीं थमने पर बिरला ने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की प्रमुख सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को सरकार पर वक्फ़ संशोधन विधेयक को मनमाने ढंग से पारित कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि यह विधेयक संविधान पर सरेआम हमला है तथा यह समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
उन्होंने संसद भवन परिसर में संपन्न सीपीपी की बैठक में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी विधेयक, निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली, भारत के पड़ोसी देशों की राजनीतिक स्थिति, संसद में गतिरोध, विपक्ष के नेताओं को ‘‘बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने’’ और कई अन्य विषयों को लेकर सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखे प्रहार किए थे।
दूसरी तरफ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ 27 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।