आज उप्र बीमारू राज्यों की कतार में नहीं खड़ा है : आदित्यनाथ

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लखनऊ, 14 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि आज उत्तर प्रदेश बीमारू राज्यों की कतार में नहीं खड़ा है, बल्कि यह भारत के विकास इंजन के रूप में उभरा है।

यहां फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जब हम उत्तर प्रदेश की बात करते हैं, तो भारत में सबसे अधिक आबादी वाला उत्तर प्रदेश जैसा राज्य ‘फिसड्डी’ कैसे हो गया? यह कैसे बीमारू हो गया? इसके पीछे कारण होंगे। जब देश आजाद हुआ, तब उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी। लेकिन, धीरे-धीरे यह कम होती गई और एक समय ऐसा आया जब उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का एक तिहाई हो गई। हालांकि, पिछले आठ वर्षों में देश के साथ-साथ दुनिया ने उत्तर प्रदेश को बदलते हुए देखा है।’’

उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में फिक्की जैसे संगठनों का सहयोग इस बदलाव का एक प्रमुख कारण रहा है।

मुख्यमंत्री ने फिक्की को उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए कहा कि इस संगठन ने निवेशकों के लिए सकारात्मक माहौल और ‘ईकोसिस्टम’ बनाने में सरकार का साथ दिया है। उनका कहा था कि विशेष रूप से, निवेशक सम्मेलन 2018 और 2023 को सफल बनाने में फिक्की का योगदान सराहनीय रहा है।

आदित्यनाथ ने कहा कि जो उत्तर प्रदेश कभी अपने कर्मचारियों को वेतन देने की भी स्थिति में नहीं था, आज वह ‘राजस्व अधिशेष राज्य’ बन चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और उनकी प्रेरणा से उत्तर प्रदेश ने जो कदम आगे बढ़ाए हैं, उसके आप सभी साक्षी हैं।

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश बीमारू राज्यों की कतार में नहीं खड़ा है, बल्कि राज्यों की पहली पंक्ति में खड़ा होकर तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर है। यह एक ऐसा राज्य बन गया है, जिसने विकसित राज्य बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। आज उत्तर प्रदेश भारत के विकास इंजन के रूप में उभरा है। अब यह बीमारू राज्य नहीं रहा, यह देश की नंबर दो अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है।

उन्होंने वित्तीय चुनौतियों का जिक्र करते हुए बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद किसानों की कर्ज माफी जैसे प्रस्तावों के लिए धन की कमी थी, उस समय बैंकों का सहयोग नहीं मिलता था और कर्मचारियों के वेतन के लिए भी संसाधन नहीं थे, लेकिन, सरकार ने बजट में 36 हजार करोड़ रुपये की रिसाव (लिकेज) को चिह्नित कर उसे समाप्त किया, जिससे आज उत्तर प्रदेश राजस्व अधिशेष वाला राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के कारण लोग अपनी पहचान छिपाने को मजबूर थे।

उन्होंने महाकुंभ के उदाहरण से समझाया कि 2017 से पहले कुंभ में गंदगी और अव्यवस्था थी, लेकिन इस बार स्वच्छता और सुव्यवस्था ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने दावा किया कि आज पूरे राज्य में कानून का शासन स्थापित है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनावश्यक लाउडस्पीकरों को हटाया गया, सड़कों पर धार्मिक आयोजन को नियंत्रित किया गया और बेटियों एवं व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।

उन्होंने कहा कि पुलिस भर्तियों में पारदर्शिता लाई गई और 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचा विकास पर जोर देते हुए कहा कि पहले राज्य की पहचान खराब सड़कों और अंधेरे से थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पास देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क, मेट्रो रेल, रेल नेटवर्क और जलमार्ग है।

उनका कहना था कि राज्य में चार लाख किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क, 16 कार्यशील हवाई अड्डे (चार अंतरराष्ट्रीय और 12 घरेलू) हैं और एशिया का सबसे बड़ा जेवर हवाई अड्डा निर्माणाधीन है। इसके अलावा, लॉजिस्टिक हब और ड्राईपोर्ट जैसे कदमों ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है।

मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन को उत्तर प्रदेश की क्षमता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च कर अवसंरचना का कायाकल्प किया गया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ को लेकर विपक्षी सवाल उठाते थे, पूछते थे कि क्या महाकुंभ कराना सरकार का कार्य है, मगर आप सभी ने देखा होगा कि महाकुंभ केवल प्रयागराज तक सीमित नहीं था, बल्कि काशी, अयोध्या, मथुरा जैसे शहरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।

उन्होंने कहा कि इससे व्यापार को बढ़ावा मिला और उत्तर प्रदेश की छवि बदली। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में उत्तर प्रदेश और फिक्की की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत गोयनका और उत्तर प्रदेश फिक्की के अध्यक्ष मनोज गुप्ता सहित देशभर के उद्यमी उपस्थित रहे।

‘बीमारू’ (बीमार) शब्द 1980 के दशक के मध्य में जनसांख्यिकीविद् आशीष बोस ने गढ़ा था। यह शब्द देश के कुछ सबसे गरीब राज्यों – बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के नामों के पहले अक्षरों से बनाया गया था। बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को ‘बीमारू’ राज्य इसलिए कहा गया था क्योंकि ये प्रदेश आर्थिक विकास, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा और अन्य मामलों में पिछड़े हुए थे।

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