श्रीनगर, 19 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि निर्दोष लोगों का खून बहाना ‘‘आतंक के आकाओं’’ और ‘‘संघर्ष भड़काने वालों’’ का सबसे बड़ा धंधा बन गया है। उन्होंने संकल्प जताया कि वह जम्मू कश्मीर में ऐसी ताकतों को फिर से सिर नहीं उठाने देंगे।
सिन्हा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में पुलिस, सुरक्षा बल और प्रशासन ने लोगों के सहयोग से जम्मू-कश्मीर को उस दौर से बाहर निकालने में काफी हद तक सफलता हासिल की है, लेकिन अभी भी लंबा रास्ता तय करना है।
उपराज्यपाल ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं जिम्मेदारी के साथ यह कहना चाहता हूं कि निर्दोष लोगों की हत्या करना आतंक के आकाओं और संघर्ष भड़काने वालों के लिए सबसे बड़ा धंधा बन गया है। संघर्ष भड़काने वालों ने (जम्मू-कश्मीर में) आतंकवाद के इर्द-गिर्द एक विशाल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार कर लिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी भी कुछ ऐसे तत्व हैं जो सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं आपको आश्वासन देता हूं कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को फिर से पनपने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मुझे खुशी है कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने उनके नापाक इरादों को समझना शुरू कर दिया है।’’
सिन्हा ने कार्यक्रम में उपस्थित सूफी विद्वानों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि संघर्ष भड़काने वाले ऐसे लोगों के लिए समाज में कोई जगह न हो। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सूफी विद्वानों से यह भी अनुरोध करता हूं कि युवाओं के बीच सूफीवाद को लोकप्रिय बनाने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने की जरूरत है ताकि लोगों के बीच चरमपंथी विचारधारा को पनपने का मौका न मिले।’’
उपराज्यपाल ने कहा कि अगर इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सूफीवाद के आदर्शों को आधुनिक बनाने की जरूरत है, तो ‘‘उस पर काम करना जरूरी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे (सूफीवाद के संदेश को) नए माध्यमों से युवाओं तक ले जाना होगा।’’