अमेरिकी-चीन शुल्क युद्ध से जुड़े घटनाक्रमों, कंपनियों के तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की दिशा

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में अमेरिकी-चीन शुल्क युद्ध से जुड़े घटनाक्रमों तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों विप्रो और इन्फोसिस के तिमाही नतीजों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक रुख और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी इस सप्ताह बाजार की चाल तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

‘डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर’ जयंती के कारण सोमवार को और ‘गुड फ्राइडे’ के मौके पर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।

मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘‘यह सप्ताह वैश्विक और भारतीय बाजारों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है, क्योंकि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध तेज हो गया है और दोनों देश एक-दूसरे पर शुल्क-पर-शुल्क लगा रहे हैं। इससे बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। घरेलू स्तर पर, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े इस सप्ताह जारी होंगे। वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका, ब्रिटेन और चीन के प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल के पहले सप्ताह में एक बड़ी शुल्क योजना का अनावरण किया था। व्हाइट हाउस ने बाद में चीन को छोड़कर ज्यादातर देशों के लिए ‘जवाबी शुल्क’ को 90 दिन के लिए रोक दिया है। वहीं चीन ने अमेरिका पर 125 प्रतिशत का जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है।

चीन ने शुक्रवार को अमेरिकी उत्पादों पर अपने अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया, जो अमेरिका के 145 प्रतिशत शुल्क के जवाब में था। हालांकि, चीन ने दुनिया की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच बातचीत के लिए दरवाजा खुला रखा है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘आगामी छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में बाजार अमेरिका-चीन शुल्क मोर्चे पर आगे के घटनाक्रमों से प्रभावित होगा। घरेलू मोर्चे पर बात की जाए, कंपनियों के तिमाही नतीजों पर सभी की निगाह रहेगी। सप्ताह के दौरान आईटी क्षेत्र की दिग्गज विप्रो और इन्फोसिस के अलावा निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के मार्च तिमाही के नतीजे घोषित होंगे।’’

बीते सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव के बीच स्थानीय बाजार मामूली नुकसान के साथ बंद हुए थे।

पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 207.43 अंक या 0.27 प्रतिशत के नुकसान में रहा था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 75.9 अंक या 0.33 प्रतिशत टूटा था।

गत दो अप्रैल को अमेरिका ने भारत से उत्पादों के आयात पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, नौ अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसे इस साल नौ जुलाई यानी 90 दिन के लिए टाल दिया है। वहीं विभिन्न देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत का मूल शुल्क लागू रहेगा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख-संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि वैश्विक बाजार के रुख, अमेरिकी शुल्क से जुड़े घटनाक्रमों और कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों के बीच स्थानीय बाजारों में उतार-चढ़ाव रहेगा।’’

इसके अलावा बाजार की धारणा रुपया-डॉलर के रुझान और वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में उतार-चढ़ाव से भी तय होगी।

बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के एक नोट के अनुसार, ‘‘इस सप्ताह प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े आने वाले हैं, जिनसे बाजार की धारणा को दिशा मिलने की उम्मीद है।’’

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