शहरी क्षेत्रों में सक्रिय माओवादी संगठनों के मद्देनजर विशेष जन सुरक्षा कानून की जरूरत : फडणवीस

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FILE- Devendra Fadnavis

मुंबई, 10 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कई प्रतिबंधित माओवादी संगठनों के राज्य में आधार बनाने और उनसे जुड़े समूहों के शहरी क्षेत्रों में सक्रिय होने के कारण ‘विशेष जन सुरक्षा कानून’ लाना जरूरी हो गया है।

फडणवीस ने बुधवार को विभिन्न पत्रकार संगठनों से बातचीत में कहा कि प्रस्तावित कानून नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता, बल्कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त संगठनों को लक्षित करता है। उन्होंने कहा कि यह कानून न तो पत्रकारों को प्रभावित करेगा और न ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा डालेगा।

इससे संबंधित विधेयक 30 जून से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, इस कानून की आवश्यकता और इसकी उपयोगिता को स्पष्ट करने के लिए बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। पत्रकार संगठनों द्वारा विधेयक की कुछ धाराओं पर जताई गई चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया।

फडणवीस ने बताया कि केंद्र समेत चार अन्य राज्यों में पहले से ही ऐसे जन सुरक्षा कानून लागू हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में प्रस्तावित कानून अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सुरक्षात्मक है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह कानून नहीं लाया गया, तो भविष्य में राज्य को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

‘महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, 2024’ पहली बार पिछले वर्ष शीतकालीन सत्र में पेश किया गया था। इसके बाद इसे संयुक्त समिति के पास भेजा गया और जन सुनवाई भी कराई गई।

फडणवीस ने कहा कि यदि पत्रकार संगठन इसमें कोई सुझाव देते हैं तो सरकार उस पर गंभीरता से विचार करेगी।

इसमें गैरकानूनी गतिविधियों से निपटने के लिए सरकार और पुलिस तंत्र को कई अधिकार देने का प्रस्ताव है। इसके तहत दर्ज सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। अगर यह विधेयक पारित हुआ तो यह राज्य में नक्सलवाद से निपटने के लिए पहला कानून बनेगा।

ऐसे संगठनों से जुड़े किसी भी व्यक्ति को तीन से सात साल तक कैद की सजा दी जा सकती है और तीन से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे, जिनकी जांच उप निरीक्षक या उससे ऊपर के अधिकारी करेंगे।

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