लंदन, नौ अप्रैल (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर और चांसलर रेचल रीव्स के साथ बातचीत की।
रीव्स ने यहां 11 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित अपने कार्यालय में वित्त मंत्री का स्वागत किया।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर जारी वार्ता की प्रगति बैठक के एजेंडा में शामिल विषयों में से एक रही। यह बैठक 13वीं ब्रिटेन-भारत आर्थिक व वित्तीय वार्ता (ईएफडी) से पहले हुई।
सीतारमण ने वार्ता से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि दोनों देशों के वित्तीय क्षेत्रों के बीच घनिष्ठ सहयोग तथा भारत में ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों का स्वागत करने के लिए मजबूत शैक्षिक संबंध चर्चा के मुख्य विषयों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम कुछ व्यवसायों की पारस्परिक मान्यता पर भी गौर करेंगे, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। विज्ञान व प्रौद्योगिकी जहां ब्रिटेन की अनुसंधान में बड़ी पकड़ है और भारत इसमें सहयोग करना व सहभागिता चाहता है।’’
वित्त मंत्रालय के अनुसार, ईएफडी दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मंच है। इसमें निवेश मामलों, वित्तीय सेवाओं, वित्तीय विनियमनों, यूपीआई (एकीकृत भुगतान अन्तरापृष्ठ) अंतर संबद्धता, कराधान मामलों और अवैध वित्तीय प्रवाह सहित वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है।
ईएफडी में भारतीय पक्ष की ओर से बुधवार को प्रमुख प्राथमिकताओं में आईएफएससी गिफ्ट सिटी में सहयोग, निवेश, बीमा व पेंशन क्षेत्र, वित्तीय प्रौद्योगिकी व डिजिटल अर्थव्यवस्था और किफायती व टिकाऊ जलवायु वित्त जुटाना शामिल हैं।
ब्रिटेन की ओर से रीव्स ने वार्ता से पहले बयान में कहा कि वैश्विक मुद्दे और रोजगार सृजन वार्ता की प्राथमिकताएं हैं, क्योंकि भारत के साथ ब्रिटेन ‘‘एक नया व्यापार समझौता’’ करना चाहता है।
ब्रिटेन के राजकोष की चांसलर ने कहा, ‘‘ हम वृद्धि और वैश्विक मुद्दों के विषयों पर गौर करेंगे। साथ ही हम सरकार की परिवर्तन योजना के हिस्से के रूप में रोजगार, निवेश व व्यापार के अवसरों का सृजन करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों और रक्षा में क्षमता का दोहन कैसे कर सकते हैं, इस पर भी बात करेंगे।’’
भारत और ब्रिटेन पिछले दो वर्षों से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं, जिसे स्टॉर्मर के नेतृत्व वाली लेबर सरकार ने पिछले वर्ष दोनों देशों में आम चुनाव के कारण कुछ समय के लिए रोक दिया था। इस व्यापार समझौते से द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है जिसकी कीमत पिछले वर्ष 41 अरब जीबीपी (ग्रेट ब्रिटेन पाउंड) आंकी गई थी।
लंदन में भारत के वृद्धि पथ पर बातचीत के दौरान मंगलवार को सीतारमण ने एफटीए को लेकर ब्रिटेन सरकार के उत्साह का स्वागत किया और इसे जल्द अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद जाहिर की।