नयी दिल्ली, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश (क्लाउड-सीडिंग) संबंधी परीक्षण का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा, जबकि प्रदूषण कार्ययोजना आगामी सप्ताह में शुरू की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार अधिकतम डिजिटलीकरण, कृत्रिम मेधा-आधारित निगरानी तथा निर्माण और यातायात जाम वाले संवदेनशील स्थानों की चौबीसों घंटे निगरानी सहित उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रदूषण रोकने के अपने प्रयासों को तेज कर रही है।
सिरसा ने बताया कि आगामी सप्ताह में विभाग प्रदूषण के स्रोतों का समाधान करने लिए व्यापक उपायों पर ध्यान केंद्रित कर अपनी प्रदूषण कार्य योजना शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि लोगों की असुविधा को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयासों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसके लिए अधिकतर कार्य डिजिटलीकरण के माध्यम से किए जा रहे हैं।
कृत्रिम बारिश पहल की प्रगति पर नवीनतम जानकारी देते हुए सिरसा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘क्लाउड-सीडिंग’ का प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो प्रस्ताव को आवश्यक अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) और विस्तृत मूल्यांकन के लिए सभी विभागों में भेजा जाएगा।
मंत्री ने कहा, ‘‘प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश किया जाएगा और एक बार मंजूरी मिलने के बाद, हम सभी आवश्यक अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए जल्दी से आवेदन करेंगे। हम दिल्ली के बाहरी इलाकों में गर्मियों में प्रतिकूल परिस्थिति के दौरान एक परीक्षण करने की योजना बना रहे हैं। यदि सबकुछ सुचारू रूप से और बिना किसी बाधा के हो जाता है तो हम अपनी जनता की बेहतरी की खातिर गंभीर प्रदूषण से निपटने के लिए इसे एक आपातकालीन विकल्प के रूप में मानेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और हम इसके सभी कारकों को खत्म करने के लिए हर स्तर पर काम कर रहे हैं।’’
सरकार को कृत्रिम बारिश परीक्षण के लिए कुल 12 एजेंसियों से एनओसी लेनी होगी। शहर में प्रदूषण के लिहाज से सबसे संवेदनशील 13 स्थानों पर यातायात को प्रबंधित करने के लिए कैमरे और डैशबोर्ड लगाए जाएंगे।