जालना (महाराष्ट्र), 12 अप्रैल (भाषा) स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने शनिवार को प्रस्तावित शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का विरोध किया और कहा कि यह निहित स्वार्थों से प्रेरित है।
नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे 86,300 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और यह 810 किलोमीटर लंबा है। यह मार्ग महाराष्ट्र के 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे परियोजना कोई विकास पहल नहीं है, बल्कि निहित स्वार्थों से प्रेरित है। इसका उद्देश्य आम लोगों और किसानों की कीमत पर कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाना है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘परियोजना की वास्तविक लागत 28,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए थी, लेकिन इसमें करीब 58,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इससे साफ पता चलता है कि यह नेताओं और ठेकेदारों के लाभ के लिए बनाई गई परियोजना है।’’
शेट्टी ने दावा किया, ‘‘एक्सप्रेसवे के लिए 55,000 किसानों की लगभग 27,000 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी। मुआवजा पर्याप्त नहीं है। तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार के तहत भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार के तहत किए गए संशोधनों ने किसानों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रावधानों को कमजोर कर दिया।’’
शेट्टी ने बताया कि इसी तरह के विरोध को दरकिनार कर बनाए गए नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे का कम उपयोग किया गया है।
उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भी आलोचना की।
शेट्टी ने दावा किया, ‘‘यह निजी बीमा कंपनियों की मदद करने के लिए एक घोटाला है। पिछले पांच वर्षों में बीमा कंपनियों ने इस योजना के तहत देश भर में 50,000 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। अकेले महाराष्ट्र में उनका लाभ 10,500 करोड़ रुपये था।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा किसानों का कर्ज माफ करने से इनकार करना ‘‘विश्वासघात से कम नहीं है’’। शेट्टी वर्तमान में किसानों की समस्याओं को उजागर करने के लिए मराठवाड़ा और विदर्भ का दौरा कर रहे हैं।