ऑडियंस और क्रीटिक्‍स, दोनों की चहेती हैं, ऋचा चड्ढा

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ऋचा चड्ढा और अली फजल के प्रोडक्शन की पहली फिल्म ‘गर्ल्स विल बी गर्ल्स’ (2024) को इस साल इंडिपेंडेंट स्पिरिट अवार्ड्स में जॉन कैसवेट्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस फिल्‍म को शुचि तलाती ने डायरेक्ट किया है।

18 दिसंबर, 1986 को पंजाब के अमृतसर में पैदा हुई एक्‍ट्रेस ऋचा चड्ढा ने फिलम ‘ओए लक्की लक्की ओए’ (2008) से करियर की शुरूआत करने के बाद फिल्मों में अपने दमदार अभिनय और किरदारों के बूते काफी लोकप्रियता हासिल की है।

मृगदीप सिंह लांबा व्‍दारा निर्देशित ’फुकरे’ (2013) में भोली पंजाबन के किरदार में ऋचा चड्ढा ने पहली बार अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया था। उसके बाद ’मसान’ (2015), ’सरबजीत’ (2016) ‘मैडम चीफ मिनिस्‍टर’ (2021) और ‘फुकरे 3’ (2023) जैसी फिल्‍मों के जरिए यह सिलसिला बदस्‍तूर जारी है। शानदार काम के जरिए वह ऑडियंस के साथ क्रीटिक्स की भी चहेती एक्ट्रेस बन चुकी हैं।

सुधीर मिश्रा व्दारा निर्देशित रोमांटिक पॉलिटिकल थ्रिलर ’दास देव’ (2018) में ऋचा चड्ढा एक पॉलिटिशन का बेहद दमदार केरेक्टर निभाया, जिसे वह सबसे चैलेंजिंग मानती हैं। लेकिन बदकिस्मती से फिल्म, बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित न हो सकी।

निर्माता पूजा भट्ट की फिल्‍म  ’कैबरे’ (2019) राजो रजिया रज्‍जो और  कोर्ट रूम ड्रामा पर आधारित ’सैक्शन 375: मर्जी या जबर्दस्‍ती’ (2019) में जो पब्लिक प्रोसीक्‍यूटर हिरल गांधी का जो किरदार निभाया,  उसे काफी अधिक पसंद किया गया।

90 के दशक में साउथ इंडियन फिल्म में एडल्ट स्टार के तौर पर मशहूर रही शकीला की बायोपिक, ‘शकीला’ (2020) का जो किरदार ऋचा चड्ढा ने निभाया, उसमें उन्‍होंने महज 16 साल की उम्र से फिल्मों में काम करने वाली केरल की सबसे बड़ी हीरोइनों में शुमार, शंकीला के केरेक्‍टर को हू ब हू सिल्‍वर स्‍क्रीन पर पेश किया। जिसकी हर किसी ने जमकर सराहना की।