मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्तीय स्थिरता और दक्षता के बीच संतुलन कायम करने के लिए विनियामक ढांचे को लचीला बनाने के साथ-साथ उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता का मंगलवार को उल्लेख किया।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह में उन्होंने कहा, ‘‘इसे एक उपलब्धि समझते हुए हम मानते हैं कि आरबीआई की भूमिका प्रारंभिक लक्ष्यों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण रूप से विस्तारित हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम परंपरा व परिवर्तन के संगम पर खड़े हैं…जहां मूल्य स्थिरता, वित्तीय स्थिरता तथा आर्थिक वृद्धि की अनिवार्यताएं तेजी से बढ़ती प्रौद्योगिकी, वैश्विक अनिश्चितताओं, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों और बढ़ती सार्वजनिक अपेक्षाओं के साथ जुड़ती हैं।’’
गवर्नर ने कहा कि अगला दशक भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्तीय ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण साबित होगा। आरबीआई वित्तीय समावेश को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ग्राहक सेवाओं में निरंतर सुधार तथा उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे। हमारा प्रयास वित्तीय स्थिरता व दक्षता के हितों को संतुलित कर हमारे नियामक ढांचे को लचीला बनाना होगा। हम प्रौद्योगिकी व नवाचार का समर्थन करना जारी रखेंगे। हम सतर्क, लचीले और दूरदर्शी बने रहेंगे।’’
मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि आरबीआई सभी हितधारकों, सरकारों और वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ प्रभावी ढंग से सहयोग करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि आरबीआई वित्तीय प्रणाली में सुधार के लिए हर संभव प्रयास करेगा। इसके लिए इसकी पहुंच का विस्तार करेगा, इसकी दक्षता बढ़ाएगा और उभरते आर्थिक परिदृश्य में इसके लचीलेपन को बढ़ाएगा।
गवर्नर ने कहा, ‘‘भले ही हम नई प्रौद्योगिकियों और आधुनिक विनियामक दृष्टिकोणों को अपना रहे हों, लेकिन ईमानदारी, पारदर्शिता व सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी। भारत के लोगों का केंद्रीय बैंक पर जो भरोसा है, वह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। हम इसे बनाए रखने तथा आने वाले वर्षों में इसे और मजबूत बनाने का दृढ़ संकल्प रखते हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह संस्था राष्ट्र की है और आरबीआई लोगों, वित्तीय प्रणाली तथा अर्थव्यवस्था के हितों की पूर्ति करने के लिए संकल्प से प्रेरित होकर प्रत्येक निर्णय लेता रहेगा।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हम वर्ष भर चले इस समारोह का समापन कर रहे हैं और अपने शताब्दी दशक में प्रवेश कर रहे हैं… हम आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प तथा स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आगे की यात्रा में निरंतर अनुकूलन, नयी सोच व नवाचार, सहयोग व समन्वय तथा उत्कृष्टता और पूर्णता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक सभी चुनौतियों का सामना करने और भारत की आर्थिक प्रगति में तत्परता से तथा मजबूती से योगदान देने के लिए सभी अवसरों का लाभ उठाने को पूरी तरह से तैयार है।