नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर बुधवार को नागरिकों को शुभकामनाएं दीं और सभी से समाज में शांति, अहिंसा एवं सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने को कहा।
उन्होंने कहा कि अहिंसा और करुणा के अवतार भगवान महावीर ने ‘अहिंसा परमो धर्म’ के संदेश के माध्यम से मानवता को एक नया रास्ता दिखाया, जिसका अर्थ है कि अहिंसा सर्वोच्च धर्म है।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है, ‘‘महावीर जयंती के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों विशेषकर जैन समुदाय को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। ‘‘अहिंसा और करुणा’’ के शाश्वत प्रतीक भगवान महावीर का जन्मोत्सव, हमें मनुष्य और जीव मात्र के बीच प्रेम और करुणा का संदेश देता है।’’
मुर्मू ने कहा कि महावीर जयंती हमें आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने तथा सादगी, दयालुता और भौतिक सम्पत्ति एवं इच्छाओं से वैराग्य के मूल्यों को अपनाने का संदेश देती है।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘‘भगवान महावीर ने अहिंसा, त्याग, तपस्या और क्षमा का उपदेश देते हुए हमें ‘‘जियो और जीने दो’’ का मंत्र दिया तथा जीने का सही रास्ता दिखाया है। आइए हम मन, वचन और कर्म से अहिंसा और सत्य को अपने आचरण में अपनाएं और गौरवशाली राष्ट्र निर्माण का संकल्प लें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आइए हम भगवान महावीर की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएं और समाज में शांति, अहिंसा और सद्भाव को बढ़ावा दें।’’
वर्तमान में पुर्तगाल और स्लोवाक गणराज्य की राजकीय यात्रा पर गईं मुर्मू ने महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर सभी देशवासियों, विशेषकर जैन समुदाय के भाइयों और बहनों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।