राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा पर रवाना

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नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को पुर्तगाल और स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा पर रवाना हुईं। करीब तीन दशकों में भारत के राष्ट्रपति की दोनों देशों की यह पहली यात्रा है।

मुर्मू का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण आर्थिक परिवर्तन हो रहे हैं, जिसमें हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापार शुल्कों ने अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य को नया स्वरूप दिया है तथा यूरोप के साथ भारत की भागीदारी बढ़ रही है।

फरवरी में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और अन्य प्रतिनिधियों ने भारत का दौरा किया था। भारत ने इस साल भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की उम्मीद जताई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाक गणराज्य की राजकीय यात्रा पर रवाना हुईं। 25 वर्षों से अधिक समय में भारत के राष्ट्रपति की दोनों देश की यह पहली राजकीय यात्रा है। इन यात्राओं से यूरोपीय संघ के दो महत्वपूर्ण भागीदारों के साथ भारत के बहुआयामी जुड़ाव का और विस्तार होगा।’’

मुर्मू की पुर्तगाल की दो दिवसीय ‘‘महत्वपूर्ण’’ यात्रा, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। राष्ट्रपति की पुर्तगाल की यात्रा 27 वर्ष बाद हो रही है।

राष्ट्रपति मुर्मू की पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा, प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो और एसेंबली स्पीकर डॉ. जोस पेड्रो एगुइर-ब्रैंको सहित शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें होंगी।

लिस्बन के मेयर कार्लोस मैनुअल फेलिक्स मोएदास राष्ट्रपति मुर्मू के लिए एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे। वह राष्ट्रपति सूसा द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगी।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने राष्ट्रपति की यात्रा के बारे में शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘भारत और पुर्तगाल के बीच व्यापार 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का है और पिछले पांच वर्षों में 50 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगातार बढ़ रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अक्षय ऊर्जा, आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा, पर्यटन और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग में विस्तार देख रहे हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि पुर्तगाल ने हमेशा भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा की संभावना के बारे में पूछे जाने पर लाल ने कहा था, ‘‘हां, आपसी हितों के क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।’’

लाल ने कहा था, ‘‘2000 में, पुर्तगाल के राष्ट्रपति द्वारा पहला भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। साथ ही 2021 में, भारत और यूरोपीय संघ के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें यूरोपीय संघ के सभी भागीदार देशों के नेताओं ने भाग लिया। इसलिए भारत-पुर्तगाल संबंध में भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी का एक बहुत मजबूत तत्व है।’’

पुर्तगाल की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू विभिन्न पुर्तगाली संस्थानों में कार्यरत शोधकर्ताओं सहित भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत करेंगी।

पुर्तगाल में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 1,25,000 है, जिसमें 35,000 से अधिक भारतीय नागरिक और 90,000 भारतीय मूल के लोग शामिल हैं। लिस्बन, अल्गार्वे और पोर्टो में बसा यह समुदाय पुर्तगाल के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य का अभिन्न अंग बन गया है।

राष्ट्रपति मुर्मू ‘अलामेडा महात्मा गांधी’ (एवेन्यू) में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगी। वह नौ और 10 अप्रैल को स्लोवाक गणराज्य की अपनी यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत से पहले एक सामुदायिक स्वागत समारोह में भी भाग लेंगी।

लाल ने कहा, ‘‘स्लोवाकिया में विशेष रूप से संस्कृत अध्ययन के साथ गहरे संबंध हैं। महात्मा गांधी की रचनाओं का स्लोवाक भाषा में अनुवाद किया गया है और स्लोवाकिया ने 2022 में यूक्रेन से भारतीय छात्रों की निकासी के दौरान बहुमूल्य सहायता की पेशकश की थी।’’

स्लोवाकिया की अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी और स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी, प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको और नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से मुलाकात करेंगी।

उनके कार्यक्रमों में नित्रा में टाटा मोटर्स जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) के अत्याधुनिक संयंत्र का दौरा शामिल है, जो स्लोवाकिया और भारत के बीच मजबूत औद्योगिक संबंधों का प्रमाण है। 2018 में उद्घाटन किए गए जेएलआर संयंत्र की क्षमता सालाना 1,50,000 वाहन बनाने की है, जिसमें 1.4 अरब यूरो का निवेश किया गया है।

राष्ट्रपति मुर्मू पारंपरिक ‘रोटी और नमक’ समारोह में भी भाग लेंगी, जो जीवन और स्वास्थ्य का प्रतीक एक प्राचीन स्लोवाक रिवाज है। वह स्लोवाकिया में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगी। मध्य यूरोपीय देश में करीब 6,000 भारतीय रहते और काम करते हैं।

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