इस्लामाबाद, 26 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकवादी हमले की किसी भी ‘‘तटस्थ और पारदर्शी’’ जांच में शामिल होने की शनिवार को पेशकश की।
मंगलवार को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खैबर-पख्तूनख्वा के काकुल में पाकिस्तान सैन्य अकादमी में सेना के कैडेट की ‘पासिंग आउट परेड’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पहलगाम में हुई हालिया घटना इस निरंतर दोषारोपण के खेल का एक और उदाहरण है, जिसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए, पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भागीदारी करने के लिए तैयार है।’’
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित किये जाने का उल्लेख करते हुए शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान के हिस्से के जल के प्रवाह को रोकने, कम करने या दूसरी ओर मोड़ने के किसी भी प्रयास का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा।
शरीफ ने कहा कि अगर भारत ने उसके (पाकिस्तान के) हिस्से का पानी रोका, तो वह सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘जल हमारी जीवन रेखा है और हमारा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है तथा इसकी उपलब्धता को हर कीमत पर और हर परिस्थिति में सुरक्षित रखा जाएगा।’’
शरीफ ने कहा कि मुल्क की एक-एक इंच जमीन की रक्षा के लिये समूचा देश पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बहादुर सशस्त्र बल सक्षम हैं और देश की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए किसी भी दुस्साहस का सामना करने को पूरी तरह तैयार हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बल वीरता, अनुकरणीय अनुशासन और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।’’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शांति हमारी प्राथमिकता है, लेकिन इसे हमारी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने सम्मान और देश की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेंगे।’’
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा ही आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 90,000 से अधिक लोगों को खोया है और 600 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान झेला है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘किसी भी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने की हमारी प्रतिब्रद्धता’’ से ज्यादा मजबूत संकल्प और कुछ नहीं सकता।
शरीफ ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि भारत ने बिना किसी विश्वसनीय जांच या सत्यापित किये जाने योग्य सबूत के बिना बेबुनियाद एवं झूठे आरोप लगाने का अपना तरीका जारी रखा है।
उन्होंने कहा कि (पाकिस्तान के संस्थापक) मुहम्मद अली जिन्ना ने कश्मीर को पाकिस्तान की ‘जगुलर वेन’ (अस्तित्व के लिये बेहद महत्वपूर्ण) कहा था। शरीफ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के बावजूद यह मुद्दा अनसुलझा रहा है, जबकि इसे विश्व स्तर पर जाना जाता है।
शरीफ ने कहा, ‘‘पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करता रहेगा, जब तक कि वे अपने संघर्ष और बलिदान के जरिये अपने अधिकार हासिल नहीं कर लेते।’’