नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि केंद्रशासित प्रदेश एक बार फिर प्रमुख पर्यटन स्थल बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के बजाय “मूल्य आधारित पर्यटन” का रास्ता चुनने पर जोर दिया।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने यहां एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए श्रीनगर जाने वाली घरेलू उड़ानों के लिए ऊंचे हवाई किराये की भी आलोचना की, खासकर यदि टिकट यात्रा से एक या दो दिन पहले बुक किए गए हों। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाली नयी वंदे भारत ट्रेन, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही हरी झंडी दिखाएंगे, यात्रियों के लिए कुछ राहत लेकर आएगी।
इस कार्यक्रम – आईसीसी एविएशन एंड टूरिज्म कॉन्फ्रेंस 2025 – की मेजबानी भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गई थी।
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती लंबे समय से पर्यटकों को आकर्षित करती रही है, यहां तक कि घाटी के आतंक और हिंसा के साये में आने से भी पहले।
अब्दुल्ला ने कहा, “पर्यटन एक ऐसी चीज है, जिसके लिए जम्मू-कश्मीर प्रसिद्ध है। परेशानियों के लिए कुख्याति से बहुत पहले, हम जम्मू-कश्मीर की खूबसूरती और जम्मू-कश्मीर के पर्यटन के लिए प्रसिद्ध थे। और यह खूबसूरती ऐसी चीज़ नहीं है जिसकी चर्चा हाल के दिनों में होती है।”
उन्होंने लाल किले की दीवार पर अंकित प्रसिद्ध पंक्ति का हवाला देते हुए अपनी बात को स्पष्ट किया, जिसमें कश्मीर को “धरती पर स्वर्ग” बताया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ये शब्द सदियों पहले लिखे गए थे। तब से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर ने बड़े पैमाने पर अच्छी चीजों के लिए ध्यान आकर्षित किया है, लेकिन हाल के वर्षों में कुछ हद तक बुरे (कारणों) के लिए भी ध्यान आकर्षित किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर को अब पर्यटन स्थल के रूप में खुद को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है… आज, मैं तेजी से इस दृष्टिकोण से सहमत हो रहा हूं कि हमें जम्मू-कश्मीर को बड़े पैमाने पर पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि मूल्य (आधारित) पर्यटन के लिए एक गंतव्य के रूप में पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है। हमें मूल्य श्रृंखला को ऊपर ले जाने की आवश्यकता है।”