नीतीश सरकार बिहार में विशेष औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करेगी: अधिकारी

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पटना, 13 अप्रैल (भाषा) बिहार सरकार निवेशक सम्मेलन की सफलता से उत्साहित होकर राज्य भर में विशेष औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की तैयारी कर रही है, जिसमें 1.81 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव किया गया था।

बिहार की उद्योग सचिव बंदना प्रेयसी ने रविवार को पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों को अधिक व्यापक रूप से डिजायन किया जाएगा और विशेष प्रकार के उत्पादों के लिए नामित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “राज्य की नई औद्योगिक नीति के तहत सरकार प्रदेश के लगभग सभी जिलों में किसी क्षेत्र की क्षमता को ध्यान में रखते हुए विशेष औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करेगी।”

उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र उस जिले की कृषि उपज और यदि वहां पहले से ही हस्तशिल्प गतिविधियां चल रही हैं, को ध्यान में रखते हुए स्थापित किए जाएंगे।

प्रेयसी ने कहा, “हम प्रत्येक क्षेत्र में श्रमिकों की उपलब्धता को भी ध्यान में रखेंगे।”

उन्होंने कहा, “मैं यह जरूर कहना चाहूंगी कि विशेष औद्योगिक क्षेत्र अधिक व्यापक होंगे, जिन्हें कुछ उत्पादों के लिए नामित किया जाएगा। उदाहरण के लिए, हम बेगूसराय और पश्चिम चंपारण जिलों में खिलौनों और प्लास्टिक उत्पादों के लिए क्षेत्र बनाने की योजना बना रहे हैं। हम वैशाली जिले के हाजीपुर में चिकित्सा (फार्मा) उत्पादों के लिए ही विनिर्माण क्षेत्र बनाने की योजना बना रहे हैं।”

प्रेयसी ने कहा कि राज्य की नई औद्योगिक नीति की तैयारी अंतिम चरण में है और जल्द ही इसका अनावरण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों के बारे में निर्णय दिसंबर में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट-2024 की सफलता के बाद लिया गया।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार देश के वृद्धि इंजन के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। सरकार एक साल के भीतर समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को जमीनी स्तर पर निवेश में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।”

अधिकारी ने बताया कि इसके लिए शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षरित प्रत्येक पांच से दस एमओयू के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा, “ये नोडल अधिकारी निवेशकों को भूमि और अन्य सभी मंजूरियां दिलाने में मदद कर रहे हैं। वे निवेशकों की मदद के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर प्रगति की समीक्षा की जा रही है।”

राज्य सरकार ने शिखर सम्मेलन के दौरान 423 कंपनियों के साथ निवेश प्रतिबद्धताओं पर हस्ताक्षर किए। इनमें सन पेट्रोकेमिकल्स ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 36,700 करोड़ रुपये निवेश करने में रुचि दिखाई है, वहीं अदाणी समूह ने सीमेंट उत्पादन क्षमता और खाद्य प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स कारोबार के विस्तार के अलावा ताप-विद्युत संयंत्र स्थापित करने में 28,000 करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।

सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 90,734 करोड़ रुपये के मिले। इसके अलावा सामान्य विनिर्माण क्षेत्र में 55,888 करोड़ रुपये के 57 प्रस्ताव मिले, जबकि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 13,663 करोड़ रुपये के 70 प्रस्ताव मिले।

शहरी बुनियादी ढांचे में 5,566 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ कुल 142 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

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